बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 4 – पिछली परीक्षाओं में पूंछे गये महत्वपूर्ण Question and Answer

Child Development and Pedagogy

  • पृथक कक्षाओं एवं संवर्धन कार्यक्रमों का प्रयोग शिक्षा के लिए किया जाता है – प्रतिभाशाली बालकों के लिए
  • जिन बालकों की शैक्षिक उपलब्धि अपनी आयु के अन्‍य बालक से निम्‍न रहती है, कहलाते हैं – पिछड़ा बालक
  • प्रतिभाशाली बच्‍चों के लिए आवश्‍यक है – उन्‍हें विशिष्‍ट योग्‍यता हेतु विशेष अवसर दिये जाये।
  • एक छात्र जो हमेशा नई-नई जानकारियों के लिए स्‍त्रोतों की खोज करता रहता है व शिक्षकों व सहपाठियों से तर्क वितर्क करता रहता है, तो होता है – प्रतिभाशाली बालक
  • प्रतिभाशाली बच्‍चों के संदर्भ में संवर्त्रन (Acceleration) का अर्थ है – ऐसे विद्यार्थियों को वर्तमान स्‍तर/ग्रेड को छोड़कर अगले उच्‍च ग्रेड में प्रोन्‍नत करना।
  • प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए निम्‍न‍ि‍लिखित में से कौन सी गतिविधि सर्वाधिक उपयुक्‍त है – दी गई संकल्‍पनाओं के आधार पर मौलिक नाटक लिखना।
  • प्रतिभाशाली विद्यार्थियों अपनी क्षमताओं को तब विकसित कर पाएँगे जब – वे अन्‍य विद्यार्थियों के साथ अधिगम-प्रक्रिया से जुड़ते हैं।
  • सुधार स्‍कूल स्‍थापित किए गए हैं – बाल अपराधियों के लिए
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा समाज विरोधी बालक के बारे में सत्‍य नहीं है – समाज विरोधी बालक में दोष की भावना कम होती है।
  • निम्‍न में से कौन से विशिष्‍ट बालकों की श्रेणी में नहीं आते हैं – लम्‍बे बालक
  • विकलांग बालकों से हम समझते हैं, ऐसे बालक – जो शारीरिक दोष से ग्रसित हों।
  • हकलाने का कारण है – शारीरिक व मनोवैज्ञानिक
  • मंदितमना बालकों को शिक्षित करते समय शिक्षक को यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि वे – व्‍यवसाय संबंधी कौशल सीख सके।
  • प्रतिभावान बालकों की पहचान करने के लिए हमें सबसे अधिक महत्‍तव देना चाहिए – वस्‍तुनिष्‍ठ परीक्षणों के परिणाम को।
  • निम्‍न में से किसमें न्‍यूनतम अवधान की आवश्‍यकता होती है – अधिगम
  • बुलिमिया है – भोजन ग्रहण विकृति
  • बाल-अपराध का मनोवैज्ञानिक कारण है – अवरूद्ध इच्‍छा
  • वह परीक्षण जिसमें बच्‍चों को पारम्भिक बिन्‍दु से लेकर अंतिम बिन्‍दु तक सही रास्‍ता खोजना होता है, कहलाता है – भूल भूलैया
  • मनस्‍ताप एवं मनोविदलता प्रकार है – मानसिक विकार के
  • डिस्‍लेक्सिया में बच्‍चों को परेशानी होती है – पढ़ने लिखने में
  • बाल अपराध के लिए जिम्‍मेदार शैक्षिक कारणों में निम्‍नलिखित में से कौन सा कारण नहीं आता है – खराब संगत
  • निम्‍न कथनों में से कौन सा सही नहीं है – सृजनशीलता और परिपक्‍वता के बीच दूरी का संबंध होता है।
  • निम्‍नलिखित में से परिवार संबंधित बाल अपराध का कारक कौन सा है – विघटित परिवार
  • यदि एक बालक कक्षा का औसत कार्य नहीं कर पाता है, तो वह – पिछड़ा बालक
  • छात्रों में चोरी करने की आदत को कैसे दूर किया जा सकता है – उदाहरण देकर
  • ‘बालक के अपराधी बनने में पारिवारिक पर्यावरण उत्‍तरदायी होता है’ यह मुख्‍यत: अवधारणा है – हैडफिल्‍उ
  • कम गति से सीखने वाले बच्‍चों के लिए अध्‍यापक को क्‍या करना चाहिए – टोली शिक्षण, अतिरिक्‍त ध्‍यान व शिक्षण, प्रोत्‍साहन
  • असाधारण छात्र वे होतेहैं, जो – सामान्‍य से परिवर्तित हैं।
  • ……….. प्रतिभाशाली होने का संकेत नहीं है – दूसरों के साथ झगड़ना।
  • ……….. के कारण प्रतिभाशालिता होती है – आनुवांशिक रचना व वातावरणीय अभिप्रेरणा का संयोजन
  • किशोर अपराध के उपचार हेतु निम्‍न में से कौन-सा तरीका सही है – संगी-साथियोंके साथ रखा जाए, व्‍यावसायिक चिकित्‍सा दी जाए, बाल कारागार में भेजा जाए।
  • विद्यालय से पलायन करने वाले बालक के अध्‍ययन की सबसे उपर्युक्‍त विधि है – केस स्‍टडी विधि
  • निम्‍न में से कौन विशेष आवश्‍यकता वाले बालकों के वर्ग में आता है – प्रतिभावान, मानसिक रूप से पिछड़े, शारीरिक रूप से अक्षम, सामाजिक रूप से अक्षम सभी
  • अध्‍यापक के दृष्टिकोण से प्रतिभाशीलता किसका संयोजन है – उच्‍च योग्‍यता – उच्‍च सृजनात्‍मकता – उच्‍च वचनबद्धता
  • अंतर्मुखी व्‍यक्तित्‍व वाले व्‍यक्ति रुचि रखते हैं – स्‍वयं अपने में
  • प्रत्‍येक शिक्षार्थी स्‍वयं में विशिष्‍ट है, इसका अर्थ है, कि – कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्‍यताओं, रुचियों और प्रतिभाओंमें एक समान नहीं होते हैं।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा कारकमंद बुद्धि बालक के लिए आवश्‍यक नहीं है – मौलिकता
  • निम्‍नलिखितमें से कौन-कौन से पिछड़े बच्‍चों की समस्‍याएँ होती हैं – कम शैक्षणिक योग्‍यता, संवेगात्‍मक समस्‍याएँ, सामाजिक समस्‍याएँ
  • बच्‍चे की जिज्ञासा शांत करनी चाहिए – तत्‍काल जब विद्यार्थी द्वारा जिज्ञासा की गई है।
  • बाल अपराध का कारण है – माता-पितामें अनबन (कलह) रहना।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी मानसिक मंदता की विशेषता नहीं है – अन्‍तवैयक्तिक संबंधों का कमजोर होना।
  • अंधो बालकों को शिक्षण देने की पद्धति है – ब्रेल लिपि
  • एक शिक्षिका अपनी कक्षा के प्रतिभाशाली बच्‍चों की योग्‍यताओं (Potential) की उपलब्धि चाहती है। अपने उद्देश्‍य की प्राप्ति के लिए उसे निम्‍नलिखित में से क्‍या नहीं करना चाहिए – उनकी सृजनात्‍मकता को समृद्ध करने के लिए उन्‍हें चुनौती देना।
  • विशिष्‍ट बालकों के अन्‍तर्गत निम्‍नलिखिन में से कौन सा बालक आता है – पिछड़ा बालक, प्रतिभाशाली, मंद बुद्धि
  • किसी बच्‍चे में सृजनशीलता विकसित करने के लिए अध्‍यापक को नहीं करना चाहिए – बच्‍चे की क्रियाओं को प्रतिबंधित करना।
  • बच्‍चों में सृजनशीलता का मापन करने के लिए निम्‍न में से कौन सा एक परीक्षण नहीं हैं – पहाड़ा लिखना।
  • टोरन्‍स के सृजनात्‍मकता परीक्षण द्वारा किस तत्‍व का मापन नहीं होता है – तार्किकता
  • सृजनात्‍मकता मुख्‍य रूप से संबंधित होती है – अपसारी चिन्‍तन
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा सृजनात्‍मकता का तत्‍व नहीं है – स्‍मृतिकरण
  • एक बालक असंभव प्रतीत होने वाली कल्‍पना करता है, यह संकेत है, उसकी – सृजनशीलता
  • एक बालक अनुपयोगी प्‍लास्टिक थैलियों से कलात्‍मक वस्‍तु बनाता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • सृजनात्‍मकता एवं बुद्धि के सहसंबंध के बारे में निम्‍न में से कौन सा कथन सही है – सृजनात्‍मक होने के लिए प्राय: औसत से अधिक बुद्धि होनी चाहिए।
  • सृजनात्‍मकता की पहचान के लिए गिलफोर्ड ने जिन परीक्षणों का निर्माण किया, उनके द्वारा सृजनात्‍मकता विभिन्‍न गुणों का मापन करते हैं, निम्‍न में से कौन सा विकल्‍प केवल उन गुणों को अंकित करता है – निरंतरता, लोचनीयता, मौलिकता, विस्‍तार
  • निम्‍न में से एक मनोवैज्ञानिक के अलावा बाकि सबने सृजनात्‍मकता का परीक्षण नहीं किया है – बाकर मेंहदी
  • सृजनात्‍मकता शिक्षार्थी वह है, जो – पार्श्‍व (लेट्रल) चितन और समस्‍या समाधान में अच्‍छा है।
  • सृजनात्‍मकता उत्‍तरों के लिए आवश्‍यक है – मुक्‍त उत्‍तर वाले प्रश्‍न
  • सृजनात्‍मकता बच्‍चों का मूल गुण है – वे मौलिक चिंतन करते हैं।
  • सृजनशील बालकों का विशेष लक्षण है – प्रबल जिज्ञासा
  • निम्‍नलिखित मे सृजनशीलता का प्रमुख तत्‍व क्‍या नहीं है – अनुशासन
  • निम्‍नलिखित में से बच्‍चों के सृजनात्‍मकता के विकास में सहायक नहीं है – भाषण
  • बच्‍चों में सृजनात्‍मकता विकसित नहीं की जा सकती – किसी जाँच पड़ताल करने के लिए उनको हतोत्‍साहित करके
  • निम्‍न में से कौन सा कथन सही नहीं है – सृजनशीलता के लिए चिंतन आवश्‍यक नहीं है।
  • विद्यार्थियों की किसी समस्‍या के भावी परिणामों को विश्‍लेषण करने के लिए उत्‍साहित करके, उन पर सृजनशीलता से सम्‍बन्धित प्रभाव होता है – अपने स्‍वयं के सृजनशीलता से सम्‍बन्धित अपने विचार व्‍य‍क्‍त करने में उनके लिए सहायक होंगे।
  • नवीन विचार का सृजन उत्‍पादन व मौलिक चिन्‍तन आवश्‍यक गुण है – सृजनात्‍मकता का
  • सृजनात्‍मकता मुख्‍य रूप से …………. से सम्‍बन्धित है – अपसारी (बहुविध)
  • विज्ञान एवं कला प्रदर्शनियाँ, संगीत एवं नृत्‍य प्रस्‍तुतियाँ तथा विद्यालय पत्रिका निकालना ………… के लिए है – शि‍क्षार्थियों को सृजनात्‍मक मार्ग उपलब्‍ध कराने
  • निम्‍न में से कौन सा शिक्षार्थियों में सृजनात्‍मकता का पोषण करता है – प्रत्‍येक शिक्षार्थी की अन्‍तर्जात प्रतिभाओं का पोषण करने प्रश्‍न करने के अवसर उपलब्‍ध कराना।
  • सृजनशीलता के पोषण हेतु, एक अध्‍यापक को अपने विद्यार्थियों को रखना चाहिए – कार्य केन्द्रित एवं लक्ष्‍य केन्द्रित
  • सृजनशीलता के पोषण के लिए एक अध्‍यापक को निम्‍न‍लिखित में किस विधि की सहायता लेनी चाहिए – ब्रेन स्‍टार्मिंग / विचारावेश
  • सृजनात्‍मकता की पहचान होती है – नवीन रचना या उत्‍पादन से
  • सृजनात्‍मकता संबंधित है – अपसारी चिन्‍तन से
  • ‘अपूर्ण रेखाचित्र के अर्थपूर्ण तथा रूचिकारक चित्रों को बनाना’ मापन के लिए एक पद होगा – सृजनात्‍मकता के
  • निम्‍न में से कौन सी सृजनात्‍मक बालक की विशेषता नहीं है – कठोर
  • सृजनात्‍मक परीक्षणों में किन भारतीयों का परीक्षण प्रसिद्ध है – बाकर मेहंदी और पासी
  • बालक में सृजनात्‍मकता की शक्ति कहलाती है – अंतर्निहित शक्ति, नवीन क्षमता, उत्‍पादक क्रिया सभी शक्तियाँ
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा तरीका अध्‍यापिका के द्वारा एक सृजनात्‍मकता बच्‍चे की पहचान करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्‍त होगा – बच्‍चे का विस्‍तृत रूप से अवलोकन करना, विशेष रूप से उस समय जब वह समस्‍याओं को हल करती है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा सृजनात्‍मकता का तत्‍व नहीं है – समस्‍याएँ न सुलझाना
  • एक बालक सामान्‍य वस्‍तु के नये-नये उपयोग करता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • एक बालक अनुपयोगी वस्‍तुओं से सुन्‍दर वस्‍तु बनाता है, यह दर्शाता है – सृजनशीलता
  • निम्‍न में से समायोजन का तरीका नहीं है, वह है – कुशिक्षा
  • विद्यालय में शिक्षक बालकों के समायोजन के लिए कार्य नहीं करेगा – कठोर दण्‍ड देगा।
  • कुसमायोजित व्‍यक्तित्‍व का लक्षण है – मन व बुद्धि अस्थिर
  • ”भग्‍नाशा का अर्थ है – किसी इच्‍छा या आवश्‍यकता में बाधा पड़ने से उत्‍पन्‍न होने वाला संवेगात्‍मक तनाव।” कथन है – गुड
  • बालकों के कुसमायोजित होने के कारण होते हैं – आनुवंशिक कारण, स्‍वभावगत या संवेगात्‍मक तथा शारीरिक
  • ”समायोजन वह प्रक्रिया है, जिससे द्वारा प्राणी अपनी आवश्‍यकताओं और इन आवश्‍यकताओं की पूर्ति को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों में संतुलन रखता है।” कथन है – बोरिंग, लेग्‍फेल्‍ड, वेल्‍ड
  • ”एक बालक अपनी दु:खभरी परिस्थिति को भुला देता है”, तो उसे क्‍या कहते है – दमन
  • निष्‍पादन परीक्षण विधि के प्रवर्तक कौन हैं – हार्टशोर्न व मेय
  • सीजोफ्रेनिया का सम्‍बन्‍ध किससे है – मनोरोग
  • व्‍यक्ति के मानसिक तनाव को कम करने की प्रत्‍यक्ष विधि है – बाधा दूर करना।
  • एक समायोजित व्‍यक्ति की विशेशता नहीं है – वैयक्तिक उद्देशें का प्रदर्शन
  • भग्‍नाशा की दशा में छात्र का व्‍यवहार होता है – आक्रमणकारी व्‍यवहार, आत्‍मसमर्पण, गृहत्‍याग करना।
  • समायोजन की प्रक्रिया है – गतिशील
  • व्‍यक्ति का कुसमायोजन प्रकट होता है – झगड़ालु प्रवृत्तियों में, पलायनवादी प्रवृत्तियों में, आक्रमणकारी के रूप में
  • कल्‍पना की अधिकता के कारण दिवास्‍वप्‍न देखने वालों को कहते हैं – कुसमायोजित व्‍यक्ति
  • समायोजन नहीं कर पाने का कारण है – द्वन्‍द्व, तनाव, कुण्‍ठा
  • विचलनात्‍मक व्‍यवहार समायोजन के लिए होता है – अच्‍छा, बुरा, सहयोगी
  • मनस्‍तापी बालकों की समस्‍या नहीं है – मौलिकता
  • व्‍यक्तित्‍व के समायोजन में निम्‍न में से जो तत्‍व बाधक हैं, वह है – भग्‍नाशा
  • निम्‍न में से वह कारक जो कुसमायोजित बालक की पहचान कराने वाला है – अस्थिर संवेग
  • अच्‍छे समायोजनकी विशेषता है – सहनशीलता
  • निम्‍न में से कौन सी रक्षात्‍मक युक्ति नहीं है – साहचर्य
  • व्‍यक्तित्‍व समायोजन की प्रत्‍यक्ष विधि है – बाधा-निराकरण
  • निम्‍न में से कौन सा तनाव को कम करने का अप्रत्‍यक्ष ढंग है – उदातीकरण
  • एरिक्‍सन के अनुसार आप अपना व्‍यक्तित्‍व समायोजन नहीं कर सकत, यदि आप – यदि आप अपने आपको नियंत्रित करने में असमर्थ है।
  • निम्‍न में से कौन सा तरीका प्रत्‍यक्ष समायोजन का है – लक्ष्‍यों का प्रतिस्‍थापन
  • कुसमायोजन परिणाम है – कुण्‍ठा का, तनाव का, संघर्ष का
  • तनाव को कम करने का अप्रत्‍यक्ष ढंग कौन सा है – उदात्‍तीकरण
  • एक छोटा बालक जिसे उसके एक साथी ने पीटा है, घर लौटने पर उसके छोटे भाई को लात लगाता है। यह बालक जो प्रतिरक्षा युक्ति का उपयोग कर रहा है, कहलाती है – प्रतिस्‍थापन
  • दमन एवं शमन प्रकार है – रक्षा युक्ति के
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा संवेग युयुत्‍सा के मूल प्रवृत्ति से संबंधित है – क्रोध
  • बच्‍चे जैसा व्‍यवहार करना एक उदाहरण है – प्रतिगमन
  • रोनेनविग परीक्षण मापन करता है – कुण्‍ठा का
  • किशोरों में द्वन्‍द्व उभरने का मुख्‍य कारण है – अवसरों की प्रतिकूलता
  • मनोविश्‍लेषणवादियों के अनुसार अतृत्‍प असामाजिक इच्‍छाओं का संबंध है – इदम् से
  • एक व्‍यक्ति जो अपने आप को एक कमरे में बंद कर लेता है और किसी से मिलने या बात करने से मना कर देता है, वह रक्षा युक्ति काम में ले रहा है – पलायन
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा समाज विरोधी बालक के बारे में सत्‍य नहीं है – समाज विरोधी बालक के लक्ष्‍य यथार्थवादी होते हैं।
  • विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों के नियंत्रण की द़ष्टि से सरकारी संगठनों द्वारा संस्‍थान के स्‍तर पर विभिन्‍न उपाय किए गए हैं। निम्‍नलिखित में से कौन सा संस्‍थानिक स्‍तर से जुड़ा है जिसके कारण बच्‍चे विद्यालय छोड़ देते हैं – जो बच्‍चे अनिवार्य पाठ्यचर्चा को स्‍वीकार नहीं कर पाते उनके लिए विकल्‍पनात्‍मक पाठ्यचर्चा का न होना।
  • एक छोटे कद की लड़की ऊँची एड़ी के जूते पहन कर लम्‍बी दिखना चाहती है। उसने निम्‍न में किस रक्षायुक्ति का प्रयोग किया – क्षतिपूर्ति
  • मानसिक थकान का लक्षण है – ध्‍यान का केन्द्रित न होना।
  • भग्‍नाशाका सबसे बड़ा आंतरिक कारण है – मानसिक संघर्ष
  • ”किसी व्‍यक्ति द्वारा अपना अस्तित्‍व भूलाकर किसी दूसरे व्‍यक्ति के गुणों व अवगुणों का अनुकरण करना कहलाता है – तादात्‍मीकरण
  • जब व्‍यक्ति असफलता, दु:ख, पीड़ा को बलपूर्वक भूलने का प्रयास करता है, इसे कहते हैं – दमन
  • एक विकलांग बालक अत्‍यधिक परिश्रम करके कक्षा में प्रथम आने का प्रयास करता है, इसे किस प्रतिरक्षण प्रणाली में रखेंगे – क्षतिपूर्ति
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा मेल सही नहीं है – युक्तिकरण – अपना गुस्‍सा दूसरों पर उतारना।
  • कुछ लोगों का कहना है कि जब बालकों को गुस्‍सा आता है तो वह खेलने के लिए चले जाते हैं जब तक पहले से अच्‍छा महसूसनहीं करते हैं उनके व्‍यवहार में निम्नलिखित में से कौन सा प्रतिरक्षा तंत्र प्रति‍लक्षित है – पृथक्करण
  • समायोजन से तात्‍पर्य स्‍वयं का विभिन्‍न परिस्थितियों में अनुकूलन करना है ताकि संतुष्‍ट किया जा सके – आवश्‍यकताओं
  • स्‍कूल से भागने वाले बालक के अध्‍ययन की सर्वाधिक उपयोगी विधि है – केस स्‍टडी विधि
  • कुछ बालक पुस्‍तकीय ज्ञान जल्‍दी सीख लेते हैं। कुछ व्‍यावहारिक ज्ञान प्राप्‍त करने में कुशल होते हैं, यह विभेद कहलाता है – मूल प्रवृत्ति का भेद
  • वह विधि जो ‘देखकर सीखने का सिद्धान्‍त’ पर आधारित है – निरीक्षण विधि
  • शैक्षिक प्रक्रिया के तीन प्रमुख अंग हैं – उद्देश्‍य ® अध्‍ययन ® अध्‍यापन परिस्थितियाँ ® मूल्‍यांकन
  • माध्‍यमिक शिक्षा आयोग, 1953 द्वारा प्रस्‍तावित पाठ्यक्रम के सिद्धान्‍त हैं – अनुभवों की सम्‍पूर्णता का सिद्धान्‍त, सामुदायिक जीवन से सम्‍बन्‍धता का सिद्धान्‍त, अवकाश के क्षणों के सदुपयोग का सिद्धान्‍त
  • ”भारत का भविष्‍य उसकी कक्षाओं में निर्मित हो रहा है।” यह मत किस आयोग का है – कोठारी शिक्षा आयोग
  • कक्षा शिक्षण तब अच्‍छा होता है, जब छात्र – प्रश्‍न पूछते हैं।
  • अध्‍यापक की सर्वाधिक उपयुक्‍त उपमा दी जा सकती है – माली से
  • पाठ्यक्रम निर्माण की आवश्‍यकता है – शिक्षा के उद्देश्‍यों की प्राप्ति हेतु
  • दल-शिक्षण का सर्वप्रथम प्रयोग किया गया – अमेरिका में
  • परम्‍परागत शिक्षण विधि है – व्‍याख्‍यान विधि
  • कौन सा गुण वस्‍तुनिष्‍ठ परीक्षा का नहीं है – व्‍यक्तिनिष्‍ठ
  • अच्‍छे प्रश्‍न-पत्र में गुण होना चाहिए – वैघता, विश्‍वसनीयता, वस्‍तुनिष्‍ठता
  • पाठ्यक्रम निर्माण का सिद्धान्‍त है – क्रियाशीलता का सिद्धान्‍त, विविधता का सिद्धान्‍त, उपयोगिता का सिद्धान्‍त
  • बालक सर्वप्रथम मातृभाषा को सीखता है – मातृबोली के रूप में
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्चा 2005 की कार्यशाली आयोजित की गई – NCERT नई दिल्‍ली में
  • विषय वस्‍तु को छोटे-छोटे अंशों में बांटने का शिक्षण सिद्धान्‍त कहलाता है – विश्‍लेषण का सिद्धान्‍त
  • NCERT जोर देती है – बाल केन्द्रित शिक्षा पर
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार प्रभावी शिक्षकहेतु आवश्‍यक है – छात्र केन्द्रित शिक्षण, दृश्‍य-श्रव्‍य सामग्री, योग्‍य शिक्षक
  • राष्‍ट्रीय- पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार पाठ्यक्रम निर्माण का सबसे उपर्युक्‍त सिद्धान्‍त है – बाल‍ केन्द्रियता का सिद्धान्‍त, लचीला पाठ्यक्रम, क्रियाशीलता का सिद्धान्‍त
  • जब बच्‍चा सर्वप्रथम नक्‍शे से पढ़ता है, तब नक्‍शा – प्रोजेक्‍टर से ऊपर होना चाहिए।
  • पाठ्यचर्चा 2005 के अनुसार अध्‍यापक के गुणों को वर्गीकृत किया गया है – दो वर्गों में
  • अध्‍यापक का विशेष गुण है – सहनशील
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या 2005 के अनुसार अध्‍यापक की भूमिका है – शैक्षिक लक्ष्‍यों की प्राप्ति, शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाना, प्रभावी मूल्‍यांकन
  • शिक्षण में किसने पाँच औपचारिक पद दिये – हरबर्ट
  • शिक्षण करते समय अध्‍यापक को ध्‍यान नहीं रखना चाहिए – जातिगत भेदभाव का
  • छात्रों को गृह-कार्य दिया जाना चाहिए – संतुलित
  • किंडर गार्टन पद्धति में शिक्षक की भूमिका होती है – पथ प्रदर्शक
  • किस धारा के अन्‍तर्गत शिक्षकों के लिए अकादमिक उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित किया गया किया गया है – 24
  • सीखने का सर्वोत्‍तम तरीका है – करना।
  • खेल पद्धति के प्रवर्तक माने जाते हैं – हेनरी कॉडवेल कुक
  • खेल पद्धति पर आधारित शिक्षण विधि नहीं है – व्‍याख्‍यान
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान किया जाता है – अध्‍यापक द्वारा
  • शिक्षण प्रक्रिया में विद्यार्थी है – आश्रित चर
  • NCF 2005 बल देते है ………………. – करके सीखने पर
  • NCF 2005 में कला शिक्षा को विद्यालय में जोड़ने का उद्देश्‍य है – सांस्‍कृतिक विरासत की प्रशंसा करना, छात्रों के व्‍यक्तित्‍व और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को विकसित करना।
  • कार्यसूचक क्रिया ‘परिभाषित करना’ किस उद्देश्‍य से सम्‍बन्धित है – ज्ञान
  • विज्ञान शिक्षण की व‍ह विधि जिसमें विद्या‍र्थी को एक खोजी के रूप में कार्य करने का अवसर दिया जाता है, कहलाती है – ह्यूरिस्टिक विधि
  • जब एक छात्र गणित की समस्‍या को स्‍वयं हल कर सकता है, तो शिक्षण के किस उद्देश्‍य की पूर्तिकर रहा है – ज्ञानोपयोग
  • विद्यार्थी विज्ञान में चित्र बनाना सीखते हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए बनाए गए प्रश्‍न निम्‍नलिखित उद्देश्‍य से सम्‍बन्धित होंगे – कौशल
  • आगमन विधि में छात्र अग्रसर होता है – विशिष्‍ट से सामान्‍य की ओर
  • निम्‍नांकित में से पाठ योजना का अंग नहीं है – जाँच कार्य
  • हरबर्ट की पंचपदीय प्रणाली में परिगणित पद नहीं है – मूल्‍यांकन
  • दलीय शिक्षण पद्धति का प्रारम्‍भ हुआ – अमेरिका
  • सूक्ष्‍म शिक्षण का समय है – 5-10 मिनट
  • साहचर्य विधि का आविष्‍कार किया – मांटेसरी
  • शिक्षा की किडर गार्टन पद्धति का प्रतिपादन किया – फ्रोबेल
  • परिवार एक साधन है – अनौपचारिक शिक्षा
  • व्‍यक्तिगत विभिन्‍नताओं को ध्‍यान में रखते हुए विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए प्रायोजना पद्धति के निर्माता थे –किलपैट्रिक
  • प्रोजेक्‍ट विधि का प्रयोग सबसे पहले सामाजिक विज्ञान में किसने किया – किलपैट्रिक
  • मानसिक विप्‍लव करने के‍ लिए आप क्‍या करेंगे – मानसिक उद्वेलन
  • राष्‍ट्रीय सामाजिक अध्‍ययन शिक्षण का राष्‍ट्रीय पाठ्यक्रम बनाया गया – 2005
  • भारतवर्ष में सामाजिक विज्ञान पढ़ाने के लिए पाठ योजना किस आधार पर बनती है – हरबर्ट की पंचपदीय प्रणाली
  • शिक्षण को रोचक तथा सार्थक बनाने के लिए सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण है – श्रव्‍य-दृ‍श्‍य सामग्री
  • अध्‍यापक के व्‍यावसायिक उन्‍नयन के लिए उपयोगी है – निरोपचारिक शिक्षा
  • शिक्षण में कितने प्रकार का सहसम्‍बन्‍ध्‍ा मिलता है – 3
  • शिक्षण में पढ़ाते समय सबसे पहले क्‍या बनाया जाता है – इकाई योजना
  • प्रस्‍तावना, प्रस्‍तुतीकरण, तुलना और संबंध, सामान्‍यीकरण और प्रयोग सोपान है – हरबर्ट
  • सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन का प्रमुख उद्देश्‍य है – गुणात्‍मक, निदानात्‍मक, परिणामात्‍मक
  • योजना विधि के मुख्‍य सोपान है – समस्‍या की पहचान – आँकड़ों का संकलन – निष्‍कर्ष – समाधान
  • प्राथमिक स्‍तर पर पर्यावरण अध्‍ययन के लिए कौन सी विधि प्रभावशाली है – कहानी विधि
  • ज्ञानात्‍मक पक्ष का अंतिम स्‍तर क्‍या है – मूल्‍यांकन
  • शिक्षण प्रक्रिया में किसे आश्रित चर कहा जाता है – छात्र
  • डाल्‍टन शिक्षण विधि का विकास किसने किया – मिस हेलेन पार्कहर्स्‍ट
  • आधुनिक शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में, शिक्षक की भूमिका है – सीखने हेतु एक अच्‍छे सुलभकर्ता की
  • शिक्षा का अति महत्‍वपूर्ण उद्देश्‍य है – बच्‍चों का सर्वांगीण विकास करना
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को प्रारम्‍भ करने से पहले एक कुशल अध्‍यापक को क्‍या करना चाहिए – अधिगम परिस्थितियाँ उत्‍पन्‍न करना।
  • निम्‍नलिखित में से आगमन विधि का कौनसा पद नहीं है – परिकल्‍पनाओं का निर्माण
  • हरबर्ट उपागम पर आधारित गणितीय पाठ योजना का दूसरा पद है – प्रस्‍तुतीकरण
  • एन. सी. एफ. 2005 के अनुसार गणित शिक्षण होना चाहिए – बालकेन्द्रित
  • विभाजन, तुलना आलोचना इत्‍यादि क्रियाएँ, शैक्षिक उद्देश्‍यों के ज्ञानात्‍मक पक्ष के कौन से स्‍तर से सम्‍बन्धित है – विश्‍लेषण
  • अंधे बालकों को शिक्षण देने की पद्धति है – ब्रेललिपि
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा, 2005 में बातचीत की गई – ज्ञान स्‍थायी है व दिया जाता है से ज्ञान का विकास होता है और इसकी संरचना होती है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा कथन शिक्षण के बारे में सत्‍य नहीं है – शिक्षण अनुदेशन है।
  • निम्‍न कक्षाओं में शिक्षण की खेल विधि आधारित है – विकास व वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्‍तों पर
  • भारत के संविधान की क्‍या विशेषताएँ है – यह प्रश्‍न है  ज्ञान परक
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्चा रूपरेखा, 2005के अन्‍तर्गत परीक्षा सुधारों में निम्‍नलिखित में से किस सुधार को सुझाया गया है – खुली पुस्‍तक परीक्षा, सतत् / निरन्‍तर एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन, सामूहिक कार्य मूल्‍यांकन
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में गुणवत्‍ता आयाम शीर्षक के अन्‍तर्गत अधिक महत्‍व दिया गया है – बालकों के लिए संरचित अनुभव एवं पाठ्यक्रम सुधार को
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में निम्‍नलिखित में से किस परीक्षा सम्‍बन्‍धी सुधारों को सुझाया गया है – कक्षा 10 की परीक्षा ऐच्छिक हो।
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 के आधारभूत सिद्धान्‍तों में निम्‍नलिखित में से कौन सा भाग सिम्मिलित नहीं हैं – रटने को महत्‍व प्रदान न करना।
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 के अनुसार गणित शिक्षण का मुख्‍य उद्देश्‍य है – बच्‍चों में तार्किक चिंतन तथा समस्‍या समाधान योग्‍यता को विकसित करना।
  • नि:शक्‍त बच्‍चों के लिए समेकित शिक्षा की केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना का उद्देश्‍य है …….. में नि:शक्‍त बच्‍चों को शैक्षिक अवसर उपलब्‍ध कराना – नियमित विद्यालयों
  • छोटे शिक्षार्थियों में निम्‍नलिखित में से कौन सा लक्षण ‘पठन-कठिनाई’ का नहीं है – शब्‍दों और विचारों को समझने में कठिनाई
  • शिक्षार्थियों का ‘आत्‍म-नियम’ ………. की ओर संकेत करता है – अपने सीखने का स्‍वयं पर्यवेक्षण करने की उनकी योग्‍यता
  • प्रत्‍येक शिक्षार्थी स्‍वयं में विशिष्‍ट है। इसका अर्थ है कि – कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्‍यताओ, रूचियों और प्रतिभाओं में एक समान नहीं होते।
  • एक बहु-सांस्‍कृतिक कक्षा-कक्ष में एक अध्‍यापितका सुनिश्चित करेगी कि आकलन में निम्‍नलिखित में से सम्मिलित हो – अपने विद्यार्थियों की सामाजिक-सांस्‍कृतिक पृष्‍ठभूमि
  • शिक्षार्थी जो पहले सीख चुके हैं उसकी पुनरावृत्ति और प्रत्‍यास्‍मरण में शिक्षार्थियों की मदद करना महत्‍तपूर्ण है क्‍योंकि – नई जानकारी को पूर्व जानकारी से जोड़ना सीखना को समृद्ध बनाता है।
  • सृजनात्‍मक उत्‍तरों के लिए आवश्‍यक है – मुक्‍त-अत्‍तर वाले प्रश्‍न
  • शिक्षार्थियों को ……….. के लिए प्रोत्‍साहित नहीं करना चाहिए – शिक्षक जो पूछ सकते हैं उन सभी प्रश्‍नों के उत्‍तर याद करने
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा रचनात्‍मक आकलन (Formative Assessment) के लिए उचित उपकरण नहीं है – सत्र परीक्षा
  • विद्यार्थियों के सीखने में जो रिक्तियाँरह जाती है उनके निदान के बाद ……… होना चाहिए। – समुचित उपचारात्‍मक कार्य
  • भारतीयसमाज की बहुभाषिक विशेषता को ………. देखा जाना चाहिए – विद्यालयी जीवन को समृद्ध बनाने के संसाधन के रूप में
  • स्मिथ ने शिक्षण की त्रिध्रुवी प्रक्रिया में कार्यवाहक माना है – शिक्षक को
  • ‘पाठ्यक्रम’ निम्‍नलिखित में से शिक्षण के कौन से चर में आता है – मध्‍यस्‍थ
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में शांति शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कुछ क्रियाओं की अनुशंसा की गई, पाठ्यक्रमरूपरेखा में निम्‍न‍िलिखित में से किसे सूचीबद्ध किया गया है – महिलाओं के प्रति आदर एवं जिम्‍मेदारी का दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, 2005 में बहुभाषी को एक संसाधन के रूप में समर्थन दिया गया है क्‍योंकि – यह एक तरीका है जिसमें प्रत्‍येक बालक सुरक्षित महसूस करें।, भाषागत पृष्‍ठभूमि के कारण कोई भी बालक पीछेन छूट जाए।, यह बालकों को अपने विश्‍वास के लिए प्रात्‍साहन देगा।
  • निगमन प्रणाली का तात्‍पर्य है – पहले नियम बताना फिर उसकी व्‍याख्‍या करना।
  • ‘एक राष्‍ट्र के विद्यालय उसके जीवन के अंग है, जिनका विशेष कार्य है, उसकी आध्‍यात्मिक शक्ति दृढ़ बनाना। उसकी ऐतिहासिक निरन्‍तरता को बनाये रखना, उसकी भूतकाल की सफलताओं को सुरक्षित रखना और उसके भविष्‍य की गारण्‍टी करना।” उक्‍त कथन किसके द्वारा किया गया है – जॉन डीवी
  • निम्‍न में कौन-सा सिद्धान्‍त शिक्षण साधनों के चयन में मार्गदर्शक नहीं है – भौतिक नियंत्रण का सिद्धान्‍त
  • विभिन्‍न श्रव्‍य- दृश्‍य सामग्रियों के संबंध को प्रदर्शित करने के‍ लिए अनुभवों का शंकु देनेवाले विद्वान है – एडगर डेले
  • निर्देशन, अधिगमकर्ता के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को सुधारने में सहायक हैं, क्‍योंकि – यह अधिगमकर्ता के आगामी व्‍यवहार तथा दृष्टिकोण को अच्‍छी सहायता प्रदान करता है।
  • शिक्षण प्रतिमान के तत्‍व हैं – लक्ष्‍य एवं उद्देश्‍य, उद्देश्‍य एवं संरचना, सामाजिक प्रणाली एवं मूल्‍यांकन
  • आधुनिक अभिक्रमित अनुदेशन की उत्‍पत्ति का कारक है – अधिगम का मनोविज्ञान व तकनीकी
  • लघु पदों के सिद्धान्‍त का संबंध है – रेखीय अभिक्रमित
  • यह अधिगम तथा मूल्‍यांकन को जोड़ता है, यह स्‍वाधिगम तथा स्‍वमूल्‍यांकन का प्रकार है, अत: इसके द्वारा सीखना है – व्‍यक्तिगत
  • प्रत्‍येक अधिगमकर्ता एक समान रास्‍ते का अनुकरण करता है – अवरोह अभि‍क्रमित
  • विद्यार्थियों से प्रतिक्रिया प्राप्‍त करने का आदर्श ‘प्रतीक्षा समय’ ………….. के सही अनुपात में होना चाहिए – प्रश्‍न का कठिनाई स्‍तर
  • मान लीजिए आप विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्‍यक्ष हैं,आप अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों की शिक्षा की सम्‍पूर्ण गुणवत्‍ता को सुधारने के लिए क्‍या योजना बनाएँगे? इस प्रकार का प्रश्‍न ………… का एक उदाहरण है – उच्‍च स्‍तरीय अपसारी
  • सीखने ………….. आकलन, आकलन और अनुदेशन के बीच ………… के दृढ़ीकरण द्वारा सीखने को प्रभावित करता है – के लिए; संबंधों
  • सतत् और व्‍यापक मूल्‍यांकन की योजना में ‘व्‍यापक’ शब्‍द ………. के अलावा निम्‍नलिखित के द्वारा समर्थित किया जाता है – जे.पी. गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धान्‍त
  • कक्षा-कक्ष में शिक्षक और शिक्षार्थी किस प्रकार जेंडर को ………. करते हैं, यह सीखने के वातावरण ………… – रूपांतरित, को क्षुब्‍ध करता है।
  • विज्ञान के प्रयोगों में, सामान्‍यत: लड़के उपकरणों का नियंत्रण अपने हाथों में लेते हैं और लड़कियों से आँकड़ों को रिकॉर्ड करने अथवा बर्तनों को धोने के लिए कहते हैं। यह प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि – पुरुष और स्‍त्री की रूढि़बद्ध भूमिकाएँ विद्यालय में भी होती है।
  • सी. बी. एस. ई. द्वारा प्रस्‍तावित समूह-परियोजना गतिविधि ………….. का एक सशक्‍त साधन है – सामाजिक भागीदारिता को सुगम बनाने
  • रेवन का प्रोग्रेसिव मैट्रिसिज परीक्षण ……….. परीक्षण का उदाहरण है – संस्‍कृतिमुक्‍त बुद्धि लब्‍धांक
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा सिद्धान्‍त पाठ योजना में शामिल नहीं है – योजना की ढृढ़ता
  • जॉन डयूबी द्वारा समर्थित ‘लैब विद्यालय’ के उदाहरण है – प्रगतिशील विद्यालय
  • लॉरेंस कोह्लबर्ग के द्वारा प्रस्‍तावित निम्‍नलिखित चरणों में से प्राथमिक विद्यालयों के बच्‍चे किन चरणों का अनुसरण करते हैं – आज्ञापालन और दण्‍ड-उन्‍मुखीकरण, अच्‍छे अंत: वैयक्तिक संबंध
  • एक विद्यार्थी कहता है, ‘उसका दादा आया है।’ एक शिक्षक होने के नाते आपकी प्रतिक्रिया होनी चाहिए – अच्‍छा, उसके दादाजी आए हैं।
  • …………. के अलावा निम्‍नलिखित घटना / वृतांत रिकार्ड की विशेषताएँ हैं – यह व्‍यवहार का व्‍यक्तिनिष्‍ठ साक्ष्‍य है और इसलिए यह शैक्षणिक क्षेत्र के लिए प्रतिपुष्टि (फीडबैक) उपलब्‍ध नहीं करता।
  • मिश्रित आयु-वर्ग के विद्यार्थियों की कक्षा से व्‍यवहार रखने वाले शिक्षक के लिए …………. का ज्ञान सर्वाधिक है – विकासात्‍मक अवस्‍थाओं
  • प्रतिभाशाली बच्‍चे – बिना किसी की सहायता के अपने सामर्थ्‍य का पूर्ण विकास करते हैं।
  • संकल्‍पनाओं की व्‍यस्थित प्रस्‍तुति विकास के निम्‍नलिखित किन सिद्धान्‍तों के साथ संबंधित हो सकती है – विकास सापेक्ष रूप से क्रमिक होता है।
  • बाल-केन्द्रित शिक्षा का समर्थन निम्‍नलिखित में से किस विचारक द्वारा किया गया – जॉन डयूबी
  • एकल अभिभावक वाले बच्‍चे को पढ़ाते समय शिक्षक को – इस तथ्‍य को अनदेखाकरना चाहिए और ऐसे बच्‍चे के साथ अन्‍य बच्‍चों के समान व्‍यवहार करना चाहिए।
  • विज्ञान एवं कला प्रदर्शनियाँ, संगीत एवं नृत्‍य प्रस्‍तुतियाँ तथा विद्यालय-पत्रिका निकालना, ………….. के लिए है – शिक्षार्थियों को सृजनात्‍मक मार्ग उपलब्‍ध कराने
  • एक शिक्षिका अपने विद्यार्थियों को अनेक तरह की सामूहिक गतिविधियों में व्‍य‍स्‍त रखती है, जैसे- समूह-चर्चा, समूह-परियोजनाएँ, भूमिका निर्वाह आदि। यह सीखने के किस आयाम को उजागर करता है। – सामाजिक गतिविधि के रूप में अधिगम
  • जब एक शिक्षिका दृष्टिबाधित शिक्षार्थी को कक्षा के अन्‍य शिक्षार्थियों के साथ सामूहिक गतिविधियों में शामिल करती है, तो वह – समावेशी शिक्षा की भावाना के अनुसार कार्य कर रही है।
  • एक शिक्षिका अपने शिक्षण में दृश्‍य-श्रव्‍य सामग्रियों और शारीरिक गतिविधियों का प्रयोग करती है क्‍योंकि – इनमें अधिकतम इंद्रियों का उपयोग सीखने को संवद्धितकरता है।
  • कोह्लबर्ग के अनुसार, सही और गलत प्रश्‍न के बारे में निर्णय लेने में शामिक चिन्‍तन-प्रक्रिया को कहा जाता है – नैतिक तर्कणा
  • एक विद्या‍र्थी अपने समकक्ष व्‍यक्तियों के समूह के प्रति आक्रामक व्‍यवहार करता है और विद्यालय के मानदण्‍डों को नहीं मानता। इस विद्यार्थी को ………….. में सहायता की आवश्‍यकता है – भावात्‍मक क्षेत्र
  • शिक्षकों को यह सलाह दी जाती है कि अपने शिक्षार्थियों को सामूहिक गतिविधियों में शामिल करें क्‍योंकि सीखने को सुगम बनाने के अतिरिक्‍त, ये ………. में भी सहायता करती है – समाजीकरण
  • समावेशी शिक्षा उस विद्यालयी शिक्षा व्‍यवस्‍था की ओर संकेत करती है – जो उनकी शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक, भाषिक या अन्‍य विभिन्‍न योग्‍यता सिथतियों को ध्‍यान में रखे बगैर सभी बच्‍चों को शामिल करती है।
  • शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों की त्रुटियों का अध्‍ययन करना चाहिए क्‍योंकि वे प्राय: ……… की ओर संकेत करती है – आवश्‍यक उपचारात्‍मक युक्तियों
  • सीमा हर पाठ को बहुत जल्‍दी सीख लेती है जबकि लीना उसे सीखने में ज्‍यादा समय लेती है। यह विकास के ……….. सिद्धान्‍त को दर्शाता है – वैयक्तिक भिन्‍नता
  • निम्‍नलिखित में से ………….. के अतिरिक्‍त सभी वातावरणीय कारक विकास को आकार देते हैं – शारीरिक गठन
  • कक्षा-कक्ष में शिक्षक व विद्यार्थियों के मध्‍य सम्‍प्रेषण होना चाहिए – उद्देश्‍य केन्द्रित
  • यदि कोई बच्‍चा विद्यालय में हमेशा देर से पहुँचता है, तो आप क्‍या करेंगे– बच्‍चे से बातचीत करके कारण जानने का प्रयास करेंगे।
  • वर्तमान समय में शिक्षा का सबसे उपयुक्‍त उपगम कौन सा है – सृजनवादी उपागम
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी आकलन पद्धति विद्यार्थियों की सर्वोत्‍तम क्षमता को पोषित करेगी – जब संकल्‍पनात्‍मक परिवर्तन तथा विद्यार्थियों के वैकल्पिक समाधानों को आकलन की विभिन्‍न विधियों के द्वारा आकलित किया जाता है।
  • परीक्षा में विद्यार्थियों से किस प्रकार के प्रश्‍न पूछने चाहिए – समझ एवं अनुप्रयोग आधारित
  • एक कक्षा में बहुभाषी विद्यार्थी हैं, यह स्थिति उत्‍पन्‍न करती है – सीखने के समृद्ध संसाधन
  • यदि कक्षा में पढ़ाते समय आपको महसूस होता है कि अचानक सभी बच्‍चे पढ़ने में रुचि नहीं ले रहे हैं, तो आप क्‍या करेंगे – कारण जानने की कोशिश करेंगे।
  • निष्‍पत्ति लब्धि (AQ) का सूत्र होता है 
  • उच्‍च प्राथमिक स्‍तर पर शिक्षक को क्रियात्‍मक शोध का ज्ञान होना चाहिए क्‍योंकि वे – इसके माध्‍यम से बच्‍चों की समस्‍या की पहचान कर सुधार करने का कौशल विकसित कर पाएँगे।
  • यदि आपकी कक्षा का कोई बच्‍चा चुप रहता है, तो आप क्‍या करेंगे – उसके चुप रहने के कारण को जानने का प्रयास करेंगे।
  • सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन से तात्‍पर्य है – सीखने की प्रक्रिया के दौरान शैक्षिक एवं सह-शैक्षिक क्षेत्रों को नियमित रूप से आंकलित करना।
  • बालक केन्द्रित शिक्षा के अंतर्गत क्‍या सम्मिलित नहीं है – गृह कार्य प्रदान करना।
  • बच्‍चों को सीखने-सीखाने की प्रक्रिया के दौरान, वे उस कार्य को किस प्रकार से कर रहे हैं, इसकी जानकारी इन्‍हें – कार्य करते समय सतत्रूप से दी जानी चाहिए।
  • यदि आपकी कक्षा में कोई बच्‍चा अधिगम अक्षम हो, तो आपक क्‍या करेंगे – उसकी अक्षमता किस प्रकार की है यह जानकर उसको सिखाने का प्रयास करेंगे।
  • वर्तमान समय में शिक्षक की भूमिका है – सुगमकर्ता की
  • ‘प्रयोजना विधि’ के प्रतिपादक है – किलपेट्रिक
  • मूल्‍यांकन प्रक्रिया के जीन महत्‍वपूर्ण बिन्‍दु हैं – उद्देश्‍य, अधिगम अनुभव व मूल्‍यांकन के उपकरण
  • कक्षा-कक्ष का वातावरण होना चाहिए – मित्रतापूर्ण
  • कठोर शिलप उपागम किस सिद्धान्‍त पर आधारित है – इंजीनियरिंग
  • किशोरावस्‍था में बच्‍चे किस प्रकार की समस्‍या का सामना करते हैं – शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन से समायोजन करना।
  • निम्‍न में से कौन सा लक्षण किसी मापक उपकरण के लिए सर्वाधिक वांछनीय है – विश्‍वसनीयता
  • प्रधानाध्‍यापक का वरिष्‍ठ शिक्षक के लिए विद्यालय में कौनसी नेतृत्‍व शैली बेहतर है – प्रजातांत्रिक नेतृत्‍व
  • कक्षा में जेंडर रुढि़बद्धता से बचने के लिए एक शिक्षक को – लड़के-लड़कियों को एक साथ अ-पारम्‍परिक भूमिकाओं में रखना चाहिए।
  • सतत् और व्‍यापक मूल्‍यांकन………. पर बल देता है – सीखने को किस प्रकार अवलोकित, रिकॉर्ड और सुधारा जाए इस पर
  • विद्यालय आधारित आकलन – परिचित वातावरा में सीखने में सभी शिक्षार्थियों की मदद करता है।
  • एक शिक्षिका की कक्षा में कुछ शारीरिक विकलांगता वाले बच्‍चे हैं, निम्‍नलिखित में से उसके लिए क्‍या कहना सबसे उचित होगा – मोहन खेल के मैदान में जाने के लिए आप अपनी बैसाखियों का प्रयोग क्‍यों नहीं करते।
  • एक समावेशी विद्यालय – शिक्षार्थियों की क्षमताओं की परवाह किए बिना सभी के अधिगम-परिणामों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध होता है।
  • एक शिक्षक(को) – जब शिक्षार्थी विचारों को सम्‍प्रेषित करने की कोशिश कर रहे हों, तो उन्‍हें ठीक नहीं करना चाहिए।
  • सीमा परीक्षा में A+ ग्रेड प्राप्‍त करने के लिए अति इच्‍छुक है, जब वह परीक्षा भवन में दाखिल होती है तथा परीक्षा प्रारम्‍भ होती है, वह अत्‍यधिक नर्वस हो जाती है, उसके पाँव ठंडे पड़ जाते हैं, उसके हृदय की धड़कन बहुत तेज हो जाती है और वह उचित तरीके से उत्‍तर नहीं दे पाती, इसका मुख्‍य कारण हो सकता है – शायद यह अकस्‍मात् संवेगात्‍मक आवेग का सामना नहीं कर सकती।
  • निम्‍नलिखित में कौन सी संज्ञानात्‍मक क्रिया दी गई सूचनाके विश्‍लेषण के लिए प्रयोगमें लाई जाती है – अंतर करना।
  • राजेश अति लोलुप पाठक है, वह अपने कोर्स की पुस्‍तकें पढ़ने के अतिरिक्‍त पाय: पुस्‍तकालय जाता है और भिन्‍न प्रकरणों पर पुस्‍तकें पढ़ता है, इतना ही नहीं, राजेश भोजन-अवकाश में अपने परियोजना कार्य करता है। उसके परीक्षाओं के लिए पढ़ने के लिए अपने शिक्षकों अथवा अभिभावकों द्वारा कभी भी कहने की जरूरत नहीं हैं और वास्‍तव में सीखने का आनंद लेता नजर आता है, उसे ……….. के रूप में सर्वाधिक बेहतर रूप में वर्णित किया जा सकता है – आंतरिक रूप से अभिप्रेरित शिक्षार्थी
  • समावेशी शिक्षा – कक्षा में विविधता का उत्‍सव मनाती है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न है – सत्‍य या असत्‍य
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता है – बार-बार ली जाने वाली परीक्षाएँ
  • एक शिक्षक प्रश्‍न-पत्र बनाने के बाद, यह जाँच करता है कि क्‍या प्रश्‍न परीक्षण के विशिष्‍ट उद्देश्‍यों की परीक्षा ले रहे हैं, यह मुख्‍य रूप से प्रश्‍न-पत्र की/के ……….. के बारे में चिंतित हैं – वैधता
  • विवेचनात्‍मक शिक्षाशास्‍त्र का यह दृढ़ विश्‍वास है कि – शिक्षार्थियों के अनुभव और प्रत्‍यक्षण महत्‍वपूर्ण होते हैं।
  • विद्यालय-आधारित आकलन मुख्‍य रूप से किस सिद्धान्‍त पर आधारित होता है – बाह्य परीक्षकों की अपेक्षा शिक्षक अपने शिक्षार्थियों की क्षमताओं को बेहतर मानते हैं।
  • एक शिक्षिका अपने शिक्षार्थियों की विभिन्‍न अधिगम-शैलियों को संतुष्‍ट करने के लिए वैविध्‍यपूर्ण कार्यों का उपयोग करती है वह ………… से प्रभावित है – गार्डनर के बहु‍बुद्धि सिद्धान्‍त
  • एक शिक्षिका अपने आप से कभी प्रश्‍नों के उत्‍तर नहीं देती, वह अपने विद्यार्थियों को उत्‍तर देते के लिए,समूह चर्चाएँ और सहयोगात्‍मक अधिगम अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करती है, यह उपागम …………. के सिद्धान्‍त पर आधारित है – सक्रिया भागीदारिता
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा शिक्षक से संबंधित अधिगम को प्रभावित करने वाला कारक है – विषय-वस्‍तु में प्रवीणता
  • कोह्लबर्ग के अनुसार, शिक्षक बच्‍चों में नैतिक मूल्‍यों का विकास कर सकता है – नैतिक मुद्दों पर आधारित चर्चाओं में उन्‍हें शामिल करके
  • छोटे शिक्षार्थियों को कक्षा-कक्ष में समवयस्‍कों के साथ अंत:क्रियाकरने के‍ लिए प्रोत्‍साहित प्रोत्‍साहित करना चाहिए जिससे – वे एक-दूसरे से प्रश्‍नों के उत्‍तर सीख सकें।
  • जब एक निर्योग्‍य बच्चा पहली विद्यालय आता है, जो शिक्षक को क्‍या करना चाहिए – बच्‍चों की निर्योग्‍यता के अनुसार उसे विशेष विद्यालय में भेजने का प्रस्‍ताव देना चाहिए।
  • जब बच्‍चा कार्य करते हुए ऊबने लगता है, तो यह इस बात का संकेत है कि – संभवत: कार्य यांत्रिक रूप से बार-बार हो रहा है।
  • प्राय: शिक्षार्थियों की त्रुटियाँ ……………. की ओर संकेत करती है – सीखने की अनुपस्थिति
  • एक अध्‍यापक / अध्‍यापिका ने पाया कि एक विद्यार्थी वर्ग बनाने में कठिनाई अनुभव कर रहा है, उसने अनुमान लगाया कि वह हीरे (Diamond) का चित्र बनाने में भी कठिनाई अनुभव करगा, उसने निम्‍नलिखित में से किस सिद्धान्‍त पर आधारित होकर यह अनुमान लगाया – विकास एक व्‍यवस्थित क्रम में होने की प्रवृत्ति से सम्‍बद्ध है।
  • योग्‍यता व योग्‍यता समूहीकरण के परिप्रेक्ष्‍य में निम्‍नलिखित में से कौन सा कथन सत्‍य है – विभिन्‍न योग्‍यता वाले समूहों को ग्रहण करने के लिए अध्‍यापकों को बहु-स्‍तरीय शिक्षण को अपनाना चाहिए।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा कथन सत्‍य है – रचनात्‍मक आकलन कभी-कभी संकलनात्‍मक हो सकताहै एवं इसी प्रकार विपरीतत:
  • एक अध्‍यापक / अध्‍यापिका विद्यार्थियों को किसी विषय की अपनी अवबोधनात्‍मकता को प्रतिबिम्बित करते हुए संकल्‍पनात्‍मक मानचित्र (Concept map) का निर्माण करने को कहता / कहती है, वह है – रचनात्‍मक आकलन कर रहा /रही है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा ब्‍लूम के पुनर्संशोधित वर्गीकरण में ‘मूल्‍यांकन’ (Evaluating) के क्षेत्र को प्रदर्शित करता है – एक समाधान की तार्किक सुसंगतता का परीक्षण करना।
  • वंचित शिक्षार्थियों के साथ व्‍यवहार करने के संदर्भ में अध्‍यापिका / अध्‍यापक को निम्‍नलिखित मूल्‍यों में से किसमें विश्‍वास व्‍यक्त करना चाहिए – छात्रों की सफलता हेतु व्‍यक्तिगत उत्‍तरदायित्‍व
  • निम्‍नलिखित में से किस पद्धति का उपयोग करते हुए हकलाने (Stuttering) की समस्‍या से निपटा जा सकता है – प्रवर्द्धित वाक् (Prolonged speech)
  • सीखने में अशक्‍त (Disabled) बच्‍चों के संदर्भ में तत्‍काल सम्‍बद्धता प्रदान करना, सहयोग पर बल देना तथा गैर-अधिगमनात्‍मक तकनीकी, जैसी तत्‍काल सूचनात्‍मकता, बुद्धिपूर्वक गन्‍वेषणा तथा सामग्री प्रबंधन, का उत्‍तोलन (Leveraging) निम्‍नलिखित में से किस प्रारूप से सम्‍बद्ध है – संग्रथित अधिगम (Embedded Learning)
  • एक समावेशी कक्षा वह है, जहाँ – अध्‍यापक प्रत्‍येक अधिगमकर्ता के लिए वैविध्‍यपूर्ण व सार्थक अधिगमनात्‍मक अनुभवों हेतु परिवेश का निर्माण करते हैं।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा प्रदत्‍तकार्य (Assignment) प्रतिभाशाली विद्यार्थी के लिए उपयुक्‍त है – विभिन्‍न विषयों (themes) को ध्‍यान में रखते हुए विज्ञान की नई आदर्शात्‍मक पुस्‍तक का निर्माण करना।
  • विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों के नियंत्रण की दृष्टि से सरकारी संगठनों द्वारा संस्‍था के स्‍तर पर विभिन्‍न उपाय किए गए हैं, निम्‍नलिखित में से कौन सा कारण सांस्‍थानिक स्‍तर से जुड़ा है जिसके कारण बच्‍चे विद्यालय छोड़ देते हैं – जो बच्‍चे अनिवार्य पाठ्यचर्चा को स्‍वीकार नहीं कर पाते उनके लिए बिकल्‍पात्‍मक पाठ्यचर्चा का न होना।
  • बच्‍चों के व्‍यवहार के समझने के लिए विद्यार्थियों के घर के वातावरण का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है तथा इससे प्राप्‍त सूचना को प्रभावशाली शिक्षा-शास्‍त्र के निर्माण से जोड़ा जा सकता है, वह तथ्‍य अधिगम के किस सिद्धान्‍त से सम्‍बद्ध है – पारिस्थितिक (Ecological)
  • कक्षा में ध्‍यान न देने वाले बच्‍चे से व्‍यवहार करने के लिए कौन सा उपाय सर्वाधिक लाभकारी हो सकता है – बच्‍चे को उस जगह बैठाना जहाँ सबसे कम ध्‍यान भंग हो सके।
  • ब्‍लूम की टैक्‍सोनॉमी ………. की पदानुक्रमिक व्‍यवस्‍था है – संज्ञानात्‍मक उद्देश्यों
  • अ, ब, स तीन विद्यार्थी हैं जो अंग्रेजी पढ़ते हैं, ‘अ’ को यह विषय रोचक लगता है और वह सोचता है कि यह उसके भविष्‍य में सहायक होगा। ‘ब’ अंग्रेजी इसलिए पढ़ती है, क्‍योंकि वह कक्षा में पहला स्‍थान प्राप्‍त करना चाहती है, ‘स’ अंग्रेजी विषय इसलिए पढ़ता है, क्‍योंकि उसका प्राथमिक सरोकार उत्‍तीर्ण होने वाले ग्रेड्स प्राप्‍त करना है, अ, ब और स के उद्देश्‍य क्रमश: है – निपुणता, निष्‍पादन, निष्‍पादन-उपेक्षा
  • हालांकि यह स्‍पष्‍ट रूप से उनकी सुरक्षा आवश्‍यकताओं के उल्लंघन में था, कैप्‍टन विक्रम बत्रा अपने देश को बचाने के दौरान कारगिल युद्ध में मारे गए, संभवत: उन्‍हें ……… था /थी – आत्‍म सिद्ध की प्राप्ति
  • एक समावेशी विद्यालय …………. के अतिरिक्‍त निम्‍नलिखित सभी प्रश्‍नों पर मनन करता है – क्‍या हम विशेष बालक को बेहतर देखभाल उपलब्‍ध कराने के लिए उचित तरीके से उनहें सामान्‍य से अलग करते हैं।
  • दिए गए वाक्‍य को पूरा करने के लिए निम्‍न‍िलिखित में से कौन सा युग्‍म सर्वाधिक उचित विकल्‍प होगा – जब बच्‍चे उन गतिविधियों में शामिल होते हैं जो ………. होती है, तब वे जल्‍दी ……….. करते हैं – वास्‍तविक जीवन में उपयोगी, सीखा
  • सी. बी. एस. ई. शिक्षार्थियों के लिए व्‍यक्तिगत गतिविधियों के स्‍थान पर सामूहिक गति‍विधियों की संस्‍तुति करती है, ऐसा करने के पीछे विचार हो सकता है – व्‍यक्तिगत प्रतिस्‍पर्धा के प्रति नकारात्‍मक संवेगात्‍मक प्रतिक्रियाओं से उबारना जो सम्‍पूर्ण अधिगम पर सामान्‍यीकृत हो सकती है।
  • भारत सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के लिए मध्‍यान्‍ह भोजन योजना प्रारम्‍भ की है, निम्‍नलिखित में से कौन सा अभिप्रेरणात्‍मक सिद्धान्‍त इस योजना का समर्थन करता है – मानवीय
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2005 की संस्‍तुतियों के संबंध में कौन सा कथन सत्‍य नहीं है – विश्‍व विद्यालयों को राजनीति से मुक्‍त रखना।
  • बच्‍चों के भाषायी विकास के लिए जरूरी है कि – उनको अधिक-से-अधिक अपने विचार व्‍यक्‍त करने के अवसर देने चाहिए। भाषायी कौशलों के विकास हेतु गतिविधियाँ आयोजित की जानी चाहिए। लिखना, पढ़ना, बोलना तथा सुननेका अभ्‍यास करना चाहिए।
  • कक्षा-कक्ष में बैठक व्‍यवस्‍था कैसी होनी चाहिए – कक्षा-कक्ष में कराई जा रही गतिविधियों के अनुरूप
  • ज्ञान रचनात्‍मकता सिद्धान्‍त आधारित शिक्षण का आधार है – करके सीखना।
  • कक्षा-कक्ष परिस्थिति में श्रव्‍य-दृश्‍य सहायक सामग्रियाँ प्रयोग में लेते समय शिक्षण का निम्‍नलिखित में से कौन सा सूत्र सम्मिलित होता है – मूर्त से अमूर्त
  • निम्‍नलिखित में से कौन से शिक्षण मॉडल (शिक्षणप्रतिमान) का उद्देश्‍य तथ्‍यों एवं सम्‍प्रत्‍ययों का अवबोध (समझना) करना है – अग्रिम संगठक
  • प्रक्रिया सामग्री (सॉफ्टवेयर) उपागम का उदाहरण है – अनुदेशक
  • कौन सा अधिगम के निर्मित कारण का सिद्धान्‍त नहीं है – अधिगम तात्‍कालिक है।
  • ‘वैज्ञानिक पूछताछ (परिपृच्‍छा)’ मॉडल (प्रतिमान) के प्रतिपादक हैं – रिचर्ड सचमैन
  • निम्नलिखित में से कौन सा कथन निर्मितवाद के संदर्भ में सही है – अधिगमकर्ता के अंदर ज्ञान का निर्माण होता है।
  • निम्‍न में से कौनसा परीक्षण जो जीवन पर्यन्‍त चलने वाले अनौपचारिक अधिगम द्वारा प्राप्‍त सूचनाओं पर केन्द्रित है – व्‍यक्तित्‍व परीक्षण
  • किसी आदर्श के अनुरूप व्‍यवहार को ढालने की प्रक्रिया को कहा जाता है – शिक्षण प्रतिमान
  • शिक्षण प्रतिमान के तत्‍व है – लक्ष्‍य एवं उद्देश्‍य, उद्देश्‍य एवं संरचना, सामाजिक प्रणाली एवं मूल्‍यांकन
  • आधुनिक अभिक्रमित अनुदेशन की उत्‍पत्ति का कारक है – अधिगम का मनोविज्ञान व तकनीकी
  • शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में व्‍यक्तिगत रूप से ध्‍यान देना महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि – इससे प्रत्‍येक शिक्षार्थी के अनुशासित करने के लिए शिक्षकों को बेहतर अवसर मिलते हैं।
  • निम्‍न में से किस शिक्षण व्‍यूहरचना का संबंध जनतांत्रित व्‍यूह रचनाओं से नहीं है – मस्तिष्‍क उद्द्वेलन व्‍यूहरचना
  • शिक्षण में उत्‍तम प्रणाली वह है जिसमें – अध्‍यापक और छात्र दोनों प्रश्‍न पूछें।
  • कौन से आव्‍यूह को सुकराती विधि भी कहा जाता है – प्रश्‍नोत्‍तर आव्‍यूह
  • निर्देशन दिया जाना चाहिए – आजीवन
  • निर्मितवाद के अनुसार निम्‍न में से कौन सा कथन गलत है – ज्ञान के हस्‍तांतरण का उत्‍तरदायित्‍व शिक्षक का है।
  • शिक्षण का वह प्रतिमान जिसका सर्वाधिक प्रयोग भाषा व व्‍याकरण शिक्षण हेतु उपयोगी है – पृच्‍छा प्रशिक्षण प्रतिमान
  • बालक को कक्षा में नियमित आने के लिए प्रेरितकरने का उपयुक्‍त सुझाव है – प्रोत्‍साहन
  • एक अध्‍यापक श्रृव्‍य दृश्‍य शिक्षण सामग्री के प्रयोग से अपने अध्‍यापन को – सरल बनाता है।
  • निम्‍न में से कौन सा अधिगम का निर्मितवाद उपागम है – छात्र जो नवीन सूचना की विस्‍तार से विश्‍लेषण करता है, व्‍याख्‍या करता है और पूर्वज्ञान से जोड़कर सीखता है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा एक अन्‍य विकल्‍पों से संबद्ध नहीं है – स्‍व-आकलन के कौशल को प्रतिमानित करना।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा प्रश्‍न अपने विशिष्‍ट क्षेत्र से ठीक तरह से मिला हुआ है – निर्धारित कीजिए कि दिए गए मापकों में से कौन सा मापक आपको उत्‍तम परिणामों को पाने में सर्वाधिक प्रवृत्‍त कर सकता है –विश्‍लेषण
  • निम्‍नलिखित में से कौन सी सर्वाधिक प्रभावकारी विधि हो सकती है, जो आपकी इस अपेक्षा को पूरी कर सके कि वंचित विद्यार्थी अपनी भागीदारिता द्वारा सफल हो सके – आप उनकी सफलता हेतु उनकी क्षमता में विश्‍वास को अभिव्‍यक्त करें।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा विकासात्‍मक विकार का उदाहरण नहीं है – पर-अभिघातज तनाव (Post-traumatic stress)
  • बहुशिक्षण-शास्‍त्रीय तकनीकें, वर्गीकृत अधिगम सामग्री, बहु-आकलन तकनीकें तथा परिवर्तनीय जटिलता एवं सामग्री का स्‍वरूप निम्‍नलिखित में से किससे सम्‍बद्ध है – विभेदित अनुदेशन
  • विद्यालयों में समावेशन मुख्‍यत: केन्द्रित होता है – विशिष्‍ट श्रेणी वाले बच्‍चों के लिए सूक्ष्‍मातिसूक्ष्‍म प्रावधानों के निर्माण पर
  • बच्‍चों में सीखी गई निस्‍सहायता का कारण है – इस व्‍यवहार को अर्जितकर लेना कि वे सफल नहीं हो सकते।
  • यदि एक विद्यार्थी विद्यालय में लगातार निम्‍नतर श्रेणीप्राप्‍त करती है, तो उसके अभिभावक को उसकी सहायता हेतु परामर्श दिया जा सकात है कि – वह अध्‍यापकों की घनिष्‍ठ संगति में कार्य करें।
  • निम्‍नलिखित में से समस्‍या-समाधान को क्‍या बाधित नहीं करता – अंतर्दृष्टि (Insight)
  • एक शिक्षिका पाठ को पूर्वपठित पाठ से जोड़ते हुए बच्‍चों को सारांश लिखना सिखा रही है, वह क्‍या कर रही है – वह बच्‍चों की पाठ समझने की स्‍वशैली विकसित करने में सहायता कर रही है।
  • एक बच्‍चा अपनी मातृभाषा सीख रहा है व दूसरा बच्‍चा वही भाषा द्वितीय भाषा के रूप में सीख रहा है, दोनों निम्‍नलिखित में से कौन सी समान प्रकार की त्रुटि कर सकते हैं – विकासात्‍मक
  • परीक्षा में तनाव निष्‍पत्ति को प्रभावित करता है, यह तथ्‍य निम्‍नलिखित में से किस प्रकार के संबंध को स्‍पष्‍ट करता है – संज्ञान भावना
  • एक अध्‍यापक उस बच्‍चे के साथ परामर्श करते हैं जिसकी निष्‍पत्‍यात्‍मक प्रगति एक दुर्घटना के पश्‍चात अनुकूल नहीं है, निम्‍नलिखित में से कौन सी प्रक्रिया विद्ययालयमें परामर्श के लिए सबसे बेहतर हो सकती है – यह अपने विचारों द्वारा खोज करने हेतु लोगों में आत्‍मविश्‍वास का निर्माण करता है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा तत्‍व कक्षा में अधिगम हेतु सहायक हो सकता है – अध्‍यापकों द्वारा बच्‍चों की स्‍वायत्‍तता को बढ़ावा व सहायता देना।
  • परिपक्‍व विद्यार्थी – अपने अध्‍ययन में कभी-कभी भावनाओं की सहायता चाहते हैं।
  • पूर्व-विद्यालय में पहली बार आया बच्‍चा मुक्‍त रूप से चिल्‍लाता है, दो वर्ष पश्‍चात् वही बच्‍चा जब प्रारम्भिक विद्यालय में पहली बार जाता है, तो अपना तनाव चिल्‍लाकर व्‍यक्‍त नहीं करता, अपितु उसके कन्‍धे व गर्दन की पेशियाँ तन जाती है, उसके इस व्‍यावहारिक परिवर्तन का क्‍या सैद्धान्तिक आधार हो सकता है – विभेद व एकीकरण विकास के लक्षण है।
  • निम्‍नलिखित में से कौन सा कथन सत्‍य है – आनुवांशिक बनावट व्‍यक्ति की, परिवेश की गुणवत्‍ता के प्रति, प्रत्‍युत्‍तरात्‍मकता को प्रभावित करती है।
  • के. मा. शि. बो. (CBSE) द्वारा अपनाए गए प्रगतिशील शिक्षा के प्रतिमान में बच्‍चों का समाजीकरण जिस प्रकार से किया जाता है, उससे अपेक्षाकी जा सकती है कि – वे सामूहिक कार्य में सक्रिय भागीदारिता का निर्वाह करें तथा सामाजिक कौशल सीखें।
  • मूल्‍यांकन का उद्देश्‍य है – सापेक्ष
  • मूल्‍यांकन है – उद्देश्‍य प्राप्ति की सुनिश्चितता
  • किसी वस्‍तु या प्रक्रिया का मूल्‍य निश्चित करना मूल्‍यांकन है। ये कहा है – टारगर्सन तथा एडम्‍स ने
  • घटना-वृत्‍त प्रपत्र है – एनेक्‍डोटल आलेख
  • मूल्‍यांकन की प्रमुख विशेषताएँ हैं – वैधता, विश्‍वसनीयता, वस्‍तुनिष्‍ठता
  • रेल्‍फ टॉयलर ने मूल्‍यांकन को बताया है – शैक्षिक उद्देश्‍यों की प्राप्ति की सीमा निर्धारण प्रक्रिया
  • मूल्‍यांकन की प्रक्रिया को त्रिकोणात्‍मक रूप से किसने प्रस्‍तुत किया – डॉ. बी. एस. ब्‍लूम
  • मूल्‍यांकन की मुख्‍य युक्तियाँ है – परीक्षाएं, निरीक्षण, प्रश्‍नावली
  • ‘कोई वस्‍तु कैसीहै’इसका निर्णय किया जाता है – मूल्‍यांकन से
  • सामाजिक अध्‍ययन में मूल्‍यांकन का प्रमुख प्रयोजन है – कक्षा-शिक्षण में सुधार व कार्य निष्‍पादन को प्रमाणित करना।
  • राष्‍ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा, 2005 में सामाजिक अध्‍ययन में निम्‍न में से किन मुद्दों को शामिल करने की अनुशंसा की गई – सभी स्‍तरों के विद्यार्थियों के लैंगिक एवं स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍बन्‍धी
  • किसी परीक्षण की विश्‍वसनीयता जितनी अधिक होती है, उसकी वैधता होगी उतनी ही – अधिकतम्
  • मूल्‍यांकन का मुख्‍य उद्देश्‍य होना चाहिए – सीखने में होने वाली कमियों का निदान एवं उपचार
  • बच्‍चों का मूल्‍यांकन होना चाहिए – सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन द्वारा
  • सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन में, व्‍यापक मूल्‍यांकन शब्‍दावली से तात्‍पर्य है – शैक्षिक एवं सह शैक्षिक क्षेत्र का मूल्‍यांकन
  • एक प्रमाणीकृत परीक्षण में होता है – विश्‍वसनीयता एवं वैधता
  • मूल्‍यांकन किया जाना चाहिए – बच्‍चों के सीखने के स्‍तर का ज्ञान होता है।
  • मूल्‍यांकन का उद्देश्‍य है – बच्‍चों को उत्‍तीर्ण / अनुत्‍तीर्ण घोषित करना, बच्‍चा क्‍या सीखता है जानना, बच्‍चे के सीखने में आई कठिनाईयों को जानना।
  • परीक्षा के स्‍थान पर सतत् और व्‍यापक मूल्‍यांकन गुणवत्‍ता मूलक शिक्षा के लिए अधिक उपयुक्‍त, क्‍योंकि इसमें – संज्ञानात्‍मक क्षेत्र का मूल्‍यांकन किया जाता है, सहसंज्ञानात्‍मक क्षेत्र का मूल्‍यांकन किया जाता है, मूल्‍यांकन सतत् एवं व्‍यापक क्षेत्रों का होता है।
  • सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन की एक तकनीक है – निदानात्‍मक मूल्‍यांकन
  • एक अच्‍छे परीक्षण की कौन सी विशेषता नहीं है – उत्‍तीर्ण करना।
  • छात्रों में रटने की प्रवृत्ति को रोकने हेतु कैसे प्रश्‍न पूछने चाहिए – वस्‍तुनिष्‍ठ
  • उपचारात्‍मक शिक्षण की सफलता निर्भर करती है – समस्‍याओंके कारणों की सही पहचान
  • सृजनात्‍मकता का विकास करने में कौन सा सहायक नहीं है – प्रश्‍नों के उत्‍तर लिखना।
  • मूल्‍यांकन का अर्थ है – निर्णय करना।
  • मूल्‍यांकन का उद्देश्‍य है – अधिगम की कठिनाईयों व समस्‍या वाले क्षेत्रों का पता लगाना।
  • वे प्रश्‍न जिनके उत्‍तर हेतु हाँ / नहीं में से एक का चयन करना हो, उन्हे वर्गीकृत किया जा सकता है – वस्‍तुनिष्‍ठ
  • वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍न की सबसे बड़ी विशेषता है – उसका एक ही उत्‍तर होता है।
  • योगात्‍मक मूल्‍यांकन का उद्देश्‍य है – समय विशेष एवं विभिन्‍न कार्यों पर एक विद्यार्थी ने कितना अच्‍छा निष्‍पादन किया है, का पता लगाना।
  • निर्माणात्‍मक मूल्‍यांकन का उद्देश्‍य है – प्रगति पर गौर करना एवं उपचारात्‍मक अनुदेशन की योजना
  • एक विशिष्‍ट अधिगम अनुभव प्रदान करने के पश्‍चात् अधिगम किस स्‍तर तक हुआ है, यह मापने हेतु निम्‍न में से कौन सा परीक्षण उपर्युक्‍त है – उपलब्धि परीक्षण
  • उत्‍तम परीक्षा के मुख्‍य गुण है – वैधता, वस्‍तुनिष्‍ठता, विश्‍वसनीयता
  • दो व्‍यक्तियों के मध्‍य होने वाली प्रतिक्रिया जो व्‍यक्ति के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार लाती है, वह कहलाती है – परामर्श
  • निदान का अर्थ – अधिगम संबंधी कठिनाईयों और कमियों के स्‍वरूप का निर्धारण। यह कथन है – ब्राउन
  • उपलब्धि निर्भर करती है – योग्‍यता एवं प्रेरणा दोनों पर
  • उपलब्धि परीक्षणोंका प्रमुख उपयोग होता है – अधिगम उत्‍पाद जाँच, शैक्षणिक मार्गदर्शन, उपचारात्‍मक शिक्षण
  • उपलब्धि परीक्षण भाग है – मनोविज्ञान
  • निम्‍न में से कौन सा बच्‍चों हेतु वेश्‍लर बुद्धि मापनी की एक निष्‍पादन मापनी है – चित्र पूर्ति
  • सतत् और व्‍यापक मूल्‍यांकन ………. पर बल देता है – सीखने को किस प्रकार अवलोकित, रिकॉर्ड और सुधारा जाए इस पर।
  • उप‍लब्धि परीक्षणों का प्रमुखउपयोग होना चाहिए – छात्रों के मूल्‍यांकन में
  • मानकीकृत परीक्षण का अर्थ है – विश्‍वसनीयता, वैधता, मानक
  • निम्‍न में से शैक्षिक मनोविज्ञान का क्षेत्र नहीं है – खेलों का प्रशिक्षण
  • निम्नलिखित में से किस प्रकार के प्रश्‍नों को मूल्‍यांकन करते समय वस्‍तुनिष्‍ठता बनाया रखना कठिन है – निबंधात्‍मक प्रश्‍न
  • निर्देशन एवं अधिगम के बीच समानता है – दोनों छात्र केन्द्रित है।
  • अनुदेशन का प्रणाली उपागम है – समस्‍या केन्द्रित
  • निर्देशन दिया जाना चाहिए – आजीवन
  • निम्‍नलिखित में से किस अनुदेशन सामग्री की अधिकता होती है – संसाधन इकाई
  • विद्या‍र्थी और शिक्षक के बीच की एक संवादात्‍मक प्रक्रिया जो उनके सीखने के वातावरण में बदलाव लाती है, वह है – मूल्‍यांकन एवं आकलन
  • अधिगम में आकलन किसलिए आवश्‍यक होता है – प्रेरणा के लिए
  • अधिगम का शिक्षा में योगदान है – व्‍यवहार परिवर्तन में, नवीन अनुभव प्राप्‍त करने में, समायोजन में
  • विद्यार्थियों की उपलब्धि का मूल्‍यांकन करने के लिए शालाओं में उपयोग में आने वाली विधियाँ हैं – परिमाणात्‍मक एवं गुणात्‍मक विधि
  • कक्षा-परीक्षणों में अच्‍छा प्रदर्शन करने में एक बच्‍चे की असफलता हमें इस विश्‍वास की तरफ ले जाती है, कि – पाठ्यक्रम, शिक्षण-पद्धति तथा आकलन प्रक्रियाओं पर विचार करने की आवश्‍यकता है।
  • एक उच्‍च प्राथमिक विद्यालय के संरचनात्‍मक कक्षा-कक्ष में अपने स्‍वयं के आकलन में विद्यार्थियों की भूमिका में निम्‍न में से क्‍या देखा जाएगा – विद्यार्थी अध्‍यापक के साथ आकलन के लिए योजना बनाएँगे।
  • सतत् एवं व्‍यापक मूल्‍यांकन किसलिए आवश्‍यक है – यह समढने के लिए कि अधिगम का किस प्रकार अवलोकन किया जाता है, दर्ज किया जाता है व सुधार किया जा सकता है।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान किया जाता है – अध्‍यापक द्वारा
  • शिक्षा के क्षेत्र में क्रियात्‍मक अनुसंधान को व्‍यवहारिक बनाने का श्रेय है – स्‍टीफेनएम. कोरे
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान किस मनोविज्ञान की उपज है – सामाजिक मनोविज्ञान
  • ‘भारत के भाग्‍य का निर्माण उसकी कक्षा-कक्ष में हो रहा है।’ कथन है – कोठारी आयोग
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान के प्रवर्तक हैं – स्‍टीफन एम. कोरे
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान मूल्‍यांकन है – आन्‍तरिक मूल्‍यांकन
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान किया जाता है – शिक्षण कार्य करते समय
  • ”शिक्षा में क्रियात्‍मक अनुसंधान, कार्यकर्त्‍ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यो में सुधार कर सकें।” यह कथन किसका है – कोरे
  • अनुसंधान में चिंतन प्रक्रिया होती है – परावर्तित चिंतन, वैज्ञानिक चिंतन, विकेन्‍द्रीय चिंतन
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान उपयोगी है – अध्‍यापकों व प्रधानाध्‍यापकों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में, विद्यालय कार्यविधि में सुधार के लिए, छात्रों की अध्‍ययन सम्‍बन्‍धी समस्‍याओं को हल करने में।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान के महत्‍व के बारे में निम्‍न में से कौन सा कथन सही नहीं है – समस्‍याओं का हल अभ्‍यास में ले आया जाता है और उसका मूल्‍यांकन नहीं किया जाता है।
  • अनुसंधान जो सामाजिक समस्‍या से संबंधित होता है तथा विद्यालय की जनशक्ति के द्वारा विद्यालय में क्रियाकलापों के सुधार हेतु संचालित किया जाता है, कहलाता है – क्रियात्‍मक अनुसंधान
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान मौलिक अनुसंधान से भिन्‍न है, क्‍योंकि यह – अध्‍यापकों, शैक्षिक प्रबंधनों एवं प्रशासकों द्वारा किया जाता है।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान में – क्रियात्‍मक उपकल्‍पनाओं, का निर्माण समस्‍याओं के कारणों पर आधारित है।
  • निम्‍न में से कौन सा शोध का चरण शोध को क्रियात्‍मक अनुसंधान बनाता है – प्रोग्राम का कियान्‍वयन एवं अंतिम मूल्‍यांकन
  • निम्‍न में से कौन सी समस्‍या क्रियात्‍मक अनुसंधान के लिए उपयुक्‍त नहीं है – परम्‍परागत विधि के ऊपर कम्‍प्‍यूटर सहायतित अनुदेशन का प्रभाव
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान का उद्देश्‍य है – विद्यालय तथा कक्षा की शैक्षिक कार्य प्रणाली में सुधार लाना।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान के संबंध में कौन सा कथन सही नहीं है – स्‍थानीयस्‍तर पर रोजमर्रा की समस्‍याओं के समाधान के लिए क्रियात्‍मक अनुसंधान किया जाता है।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान का प्रमुख कार्य है – स्‍थानीय समस्‍याओं का समाधान करना।
  • क्रियात्‍मक अनुसंधान का केन्‍द्र बिन्‍दु है – संदर्भगत समयबद्ध
  • एक अध्‍यापक/ अध्‍यापिका को किसी विषय की अपनी अवबोधनात्‍मक को प्रतिबंधित करते हुए संकल्‍पनात्‍मक मानचित्र का निर्माण करने को कहता / कहती है, वह है – रचनात्‍मक आकलन कर रहा / रही है।
  • राजस्‍थान नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 2010 के तहत पड़ोस की सीमा जिसमें विद्यालय स्‍थापित किया जाना है – 1 से 5 तक कक्षाओं के लिए 1 किमी पैदल दूरी।
  • बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अन्‍तर्गत केन्‍द्र और राज्‍यों सरकारों के मध्‍य कोष का साझेदारी अनुपात है – 65:35
  • नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, 200 बालकों पर शिक्षकोंकी संख्‍या होगी – 5
  • नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का विस्‍तार किस राज्‍य में नहीं है – जम्‍मू कश्‍मीर
  • संविधान के किस संशोधन द्वारा पूर्व में भी बालकों को अनिवार्यऔर मुफ्त शिक्षा प्रदान किया जाना आवश्‍यक किया गया था – 86वाँ संशोधन, 2002
  • प्रारम्भिक शिक्षा में कक्षा सम्मिलित है – 1 से 8 तक
  • नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को लोकसभा में पारित किया गया – 4 अगस्‍त, 2009 को
  • बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी विद्यालयों को कितनी प्रतिशत सीटे आरक्षितकरना आवश्‍यक होगा – 25 %
  • नि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की कौनसी धारा राज्‍य सरकार को नियम बनाने की शक्ति देती है – धारा-38
  • 25% आरक्षित सीटों पर 6-14 वर्ष के बच्‍चों की फीस वसूलने पर निजी स्‍कूलों पर जुर्माना लगेगा – फीस का 10 गुना
  • आरटीई-2009 के तहत अभिभावकों के इन्‍टरव्‍यू या बच्‍चों की स्‍क्रीनिंग पर क्‍या सजा होगी – 25 हजार नगद
  • आरटीई 2009 के तहत आम नागरिक को क्‍या अधिकार दिये गये हैं – ऐसे स्‍कूलों की शिकायत का अधिकार जो बच्‍चों को शिक्षा देने से मना कर रहे हैं।
  • विद्यालय प्रबंध समिति की कार्यसमिति की बैठकों के लिए गणपूर्ति उसके कुल सदस्‍यों की होगी – 3/4
  • आरटीई 2009 के तहत कितने वर्ष के बालकों को नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्‍त हो गया है – 6-14 वर्ष
  • बिना आरटीई 2009 के तहत बिना सरकारी मान्‍यता वाले स्‍कूलों के लिए क्‍या सजा निर्धारित है – पहली बार एक लाख रूपये जुर्माना
  • किसी ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में विद्यालय नहीं है तो बच्‍चों को शिक्षा की जिम्‍मेदारी होगी – सरकार की
  • कक्षा 1 से 5 तक के बालकों के संबंध में विद्यालय आसपास से कितने किलोमीटर की दूरी के भीतर स्‍थापित किया जायेगा – 1
  • आरटीई 2009 के तहत अध्‍यापकों के प्रशिक्षण के लिए मानको का विकास व लागू करने का अधिकार किसे होगा – केन्‍द्र सरकार
  • नवीकरण, अनुसंधान योजना निर्माण हेतु राज्‍य सरकार को तकनीकी व संसाधन कौन उपलब्‍ध करवायेगा – केन्‍द्रीय सरकार
  • कक्षा 6 से 8 तक के बालकों के संबंध में विद्यालय आसपास से कितने किलोमीटर की दूरी के भीतर स्‍थापित किया जायेगा – 3 किमी
  • आरटीई2009 के तहत सरकार के कर्तव्‍य है – 6 से 14 वर्ष के प्रत्‍येक बालक को नि:शुल्‍क व अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा उपलब्‍ध कराना, आसपास में विद्यालय की उपलब्‍धता कराना, सरकार धारा 4 में विनिर्दिष्‍ट विशेष प्रशिक्षण सुविधा उपलब्‍ध कराना।
  • आरटीई के तहत किस कक्षा तक बालक को रोकाया निष्‍काषित नहीं किया जा सकता – 8
  • आरटीई 2009 के अनुसार विद्यालय प्राप्‍त अनुदान का कितना प्रतिशत नि:शुल्‍क व अनिवार्य शिक्षा पर व्‍यय करेगा – 25%
  • आरटीई-2009 के अन्‍तर्गत प्रवेश रोकने एवं निष्‍कासन सम्‍ब‍न्‍धी प्रतिषेध है –किसी बालक की आयु का सबूत नहीं होने के कारण विद्यालय प्रवेश से वंचितनहींकिया जा सकेगा। प्रवेश प्राप्‍त विद्यार्थी को किसी कक्षा में रोका नहीं जायेगा ना ही प्राथमिक शिक्षा पूरी होने तक निष्‍कासित किया जा सकेगा।
  • शिक्षाका अधिकार की प्रकृति है – संवैधानिक
  • आरटीई-2009 में शारीरिक दण्‍ड एवं मानसिक उत्‍पीड़न का क्‍या प्रतिषेध है – शारीरिक एवं मानसिक उत्‍पीडन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।
  • विद्यालय प्रबंधसमिति का पुनर्गठन कितने वर्ष पश्‍चात होगा – 2
  • आरटीई-2009 के पूर्व प्रारम्‍भ विद्यालय को मान और मानकों को पूराकरने की अवधि निर्धारित की गई है – प्रारम्‍भ की तारीख से 3 वर्ष
  • आरटीई-2009 के तहत गठित होने वाली विद्यालय प्रबंध समिति के लिए क्‍या प्रावधान है – समिति में 3/4 सदस्‍य माता-पिता या संरक्षक होंगे। समिति की 50% सदस्‍य महिलाएँ होगी।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम – 2009 के तहत अध्‍यापकों के लिए प्रति सप्‍ताह कार्य घंटों की न्‍यूनतम संख्‍या निर्धारित की गई है – 45 शिक्षण घण्‍टे
  • आरटीई-2009 के तहत अध्‍यापको के कर्तव्‍य है – विद्यालय में नियमित व समय पर उपस्थित होना, पाठ्यक्रम संचालन और उसे पूरा करना, ऐसे अन्‍य कर्तव्‍यों का पालन करना जो विहित किये जायें।
  • आरटीई-2009 के तहत विद्यालय में रिक्‍त पद कुल स्‍वीकृत पदों का कितनाप्रतिशत अधिकतम हो सकता है – 10%
  • आरटीई-2009 के तहत प्रारम्भिक शिक्षा हेतु पाठ्यक्रम व उसकी मूल्‍यांकन प्रक्रिया अधिकाधिक की जायेगी – सरकार द्वारा, अधिसूचना द्वारा, शिक्षा प्राधिकारी द्वारा
  • आरटीई-2009 के तहत पाठ्क्रम निर्धारण हेतु क्‍या निर्देश है – संविधान के अनुरूप है, उससे बालक का सर्वांगीण विकास हो, शिक्षा का माध्‍यम यथा सम्‍भव मातृ भाषा हो।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत कक्षा 1 से 5 तक 150 से अधिक बालकों के प्रवेश पर अध्‍यापक-छात्र अनुपात निर्देशित किया गया है – 5 अध्‍यापक व एक प्रधानाध्‍यापक
  • 200 बालकों से अधिक पर छात्र-अध्‍यापक अनुपात होगा – 40:1
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम2009 के तहत कक्षा एक से पाँचवी तक एक शैक्षणिक सत्र में कितने कार्य दिवस निर्धारित किये गये हैं – 200
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 कक्षा 6 से कक्षा 8 तक कितने कार्य दिवस निर्धारित है – 220
  • आरटीई एक्‍ट -2009 के अनुसार शिक्षक हेतु प्रति सप्‍ताह कार्य घंटे है – 45 घंटे
  • बालकों का मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, 2009 देश में लागू हुआ – 1 अप्रैल 2010
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में एक अध्‍यापक के लिए न्‍यूनतम कार्य घण्‍टे प्रति सप्‍ताह निर्धारित किये गये हैं – 45 घंटे
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में एक अध्‍यापक को निम्‍नलिखित में से दायित्‍व पूरा करना होगा – पाठ्यक्रम का संचालन कर पूरा करना होगा।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में निर्दिष्‍ट किया गया है कि कक्षा 1 से 5वीं तक यदि प्रवेश दिये गये विद्यार्थियों की संख्‍या 200 से अधिक है, तो विद्यार्थी अध्‍यापक आवश्‍यक अनुपात होगा – 40
  • भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 41 व 46 किसके कल्‍याण से सम्‍बन्धित है – आर्थिक रूप से पिछड़े व्‍यक्तियों से
  • भारत के संविधान में किसके लिए नि:शुल्‍क अनिवार्य शिक्षा है -14 वर्ष तक सभी बच्‍चों के लिए
  • शिक्षा का अधिकार संविधान संशोधन के द्वारा किस वर्ष में समवर्ती सूची में डाला गया – 1976
  • नामांकन बढ़ाने, उनकी उपस्थिति बनाए रखने एवं बच्‍चों का पोषण स्‍तर सुधारने हेतु प्राथमिक शिक्षा के लिए राष्‍ट्रीय पोषण सहयोग कार्यक्रम (मध्‍यान्‍ह भोजन योजना) कब शुरू किया – 26 जनवरी, 2008
  • संविधान (86वाँ) संशोधन अधिनियम, 2002 के भाग तृतीय में जिस नई धारा को जोड़कर 6-14 वर्ष आयु वर्गके सभी बच्‍चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षाको मूलभूत अधिकार बनाने की बातें कहीं है, संविधान की वह धारा है – 21 ए
  • ‘शिक्षा का अधिकार’ भारतीय संविधान में किस मूल अधिकार में शामिल है – स्‍वतन्‍त्रता का अधिकार
  • बच्‍चों के लिए नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम,2009 के लिए लागू है – 6-14 वर्ष
  • 6-14 वर्ष के सभी बच्‍चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009) कब से लागू हुआ – 1 अप्रैल, 2010
  • प्राथमिक स्‍तर पर न्‍यूनतम कार्यदिवस है – 200
  • प्राथमिक स्‍तर पर शैक्षणिक घण्‍टे निर्धारित हैं – 800
  • निजी स्‍कूलों में गरीब बच्‍चों के लिए सीटें आरक्षित हैं – 25
  • ‘नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार-2009’ में ‘अनिवार्य’ शब्‍द का अर्थ है – उचित सरकारें दाखिले, उपस्थिति और प्रारम्भिक शिक्षा की पूर्णता को सुनिश्चित करेंगी।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के क्रियान्‍वयन के बाद कक्षा-कक्ष – आयु के अनुसार अधिक समजातीय है।
  • नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत किसी भी अध्‍यापक को निम्‍न में से किस कार्य के लिए नहीं लगाया जा सकता – पल्‍स पोलियो कार्यक्रम में
  • आर.टी.ई. एक्‍ट 2009 के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों के प्रति सप्‍ताह कुल कितने घंटे की योजना बनाकर कार्य करता है – 45 घंटे
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 ने 6 से 14 वर्ष आयु के विद्यालय कभी न गए अथवा विद्यालय शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले बच्‍चों को शिक्षा की मुख्‍य धारा से जोड़ने हेतु – विशेष प्रशिक्षण लागू करने पर जोर दिया है।
  • मई, 1998 में किसकी स्‍थापना की गई – राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन

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