- किस मनोवैज्ञानिक ने अपने साढे तीन वर्षीय पुत्र पर अध्ययन किया – पेस्टोलॉजी
- निम्न में से विकास की विशेषता है – गुणात्मकता
- बालक का विकास होता है – सिर से पैर की ओर
- बालक में संस्कारों का विकास प्रारम्भ कहाँ से होता है – परिवार
- विकास के संदर्भ में गलत कथन है – विशिष्ट से सामान्य की ओर
- खेल के मैदान में कौन सा विकास होता है – शारीरिक विकास, मानसिक विकास, सामाजिक विकास
- गर्भाधान काल की अवस्था नहीं है – शैशवावस्था
- गर्भ में संतान सर्वाधिक प्रभावित होती है – माँ के पोषण से
- ‘मानव जीवन की मनोभौतिक एकता’ कहलाती है – मन तथा शरीर का विकास
- 2-5 वर्ष तक की आयु कहलाती है – शैशवावस्था
- गर्भ में सर्वप्रथम निर्माण होता है – सिर
- बालक के सिर एवं मस्तिष्क का सर्वाधिक विकास किस अवस्था में होता है – शैशवावस्था
- जन्म के समय शिशु के शरीर में हड्डियाँ होती है – 270
- बीजावस्था कहा गया है – 0-2 सप्ताह
- बालक अपनी माँ को पहचानना प्रारम्भ कर देता है – 3 माह
- बालक जमीन पर से अपनी पसंद की वस्तु को उठा लेता है, आपके अनुसार उस बालक की आयु होगी – 8-9 माह
- बालक के जन्म के समय शिशु के मस्तिष्क का भार होता है – 350 ग्राम
- सीखने का आदर्श काल माना गया है – शैशवावस्था
- कल्पना जगत में विचरण होता है – शैशवावस्था व किशोरावस्था
- बालक मुख्य मुख्य रंगों की पहचान कर लेता है – 5 वर्ष
- मिथ्या परिपक्वता का काल कहा जाता है – बाल्यावस्था
- छोटे-छोटे वाक्यों को बोलना व तीन पहियों की साइकिल चलाना यह कार्य किस अवस्था में होता है – शैशवावस्था
- कार्ल सी. गैरीसन ने किस विधि का अध्ययन किया था – लम्बात्मक विधि का
- निम्न में से किस घटना की ओर बालक सर्वव्रथम आकर्षित होना प्रारम्भ करता है – प्रकाश
- बालक-बालिकाओं को सर्वाधिक समायोजन करना पड़ता है – वय: संधिकाल
- बालक की जिज्ञासा को किया जाना चाहिए – शान्त
- सीखना है, एक जटिल – मानसिक प्रक्रिया
- भारत में बाल विकास की शुरूआत कब हुई – 1930 में
- विकास प्रारम्भ होता है – गर्भावस्था में
- बालिकाओं की लम्बाई किस अवस्था में बालकों से अधिक होती है – बाल्यावस्था में
- दिवास्वप्न एवं भाषा के कूटकरण की अवस्था है – किशोरावस्था
- विकास के सम्बन्ध में सही कथन है – विकास सम्पूर्ण पक्षों में होने वाला परिवर्तन।
- विकास केवल एक ओर न होकर चारों ओर से होता है। यह सिद्धान्त बताता है – वर्तुलाकार
- जन्म के समय नवजात शिशु रोता है – वातावरण में परिवर्तन के कारण
- शैशवावस्था के अंत में किस ग्रंथि के प्रभाव के कारण बालिकाएँ अपने पिता के प्रति श्रद्धा भाव रखती है – इलेक्ट्रा
- क्लार्कऔर बीर्च ने नर चिम्पांजी के शरीर में – स्त्री हार्मोन प्रवेश कराये।
- बालक का विकास वंशानुक्रम व वातावरण का है – गुणनफल
- जीवन का सबसे कठिन काल है – किशोरावस्था
- बालक के अस्थाई दाँतों की संख्या है – 20
- महिलाओं के जनन कोश में अर्थात् अंडाणु (OVUM) में निम्नांकित में से पाया जाता है – केवल X गुणसूत्र
- आनुवांशिकता से तात्पर्य निम्नांकित में से किनसे होता है – गुणसूत्र तथा जीन्स
- पुरूषों में सामान्य यौन गुणसूत्र होता है – XY गुणसूत्र
- जन्म के समय बालक का भार होता है – 6-8 पौण्ड
- आनुवांशिकता के वास्तविक निर्धारक होते हैं – गुणसूत्र
- बालक के विकास में महत्व है – वंशक्रम का एवं वातावरण का
- दिवास्वप्न में विचरण करने की कामना अत्यन्त प्रबल होती है – किशोरावस्था में
- सृजनशील बालकों का लक्षण है – जिज्ञासा
- क्रोध संवेग के कारण उत्पन्न प्रवृत्ति है – युयुत्सा
- बालक-बालिकाएँ अपने जीवन में किसी अन्य को आदर्श के रूप में स्वीकार करते हैं, किस अवस्था में – किशोरावस्था में
- समान आयु स्तर के बालक-बालिकाओं का बौद्धिक स्तर भिन्न भिन्न होता है, यह कथन किसका है – हरलॉक
- बालक का समाजिकृत निम्निलिखित तकनीक से निर्धारित होता है – समाजमिति तकनीक
- बालकों में सौन्दर्यानुभूति विकसित करने का आधारभूत साधन है – प्रकृति अवलोकन
- किशोरावस्था की प्रमुख विशेषता नहीं है – संग्रह की प्रवृत्ति
- जन्म के समय बालक की स्मरण-शक्ति होती है – बहुत कम
- किस वैज्ञानिक ने माना है कि उचित वातावरण से बुद्धि लब्धि में वृद्धि होती है – स्टीफन्स
- आत्मगौरव की भावना सर्वाधिक पायी जाती है – 13-19 वर्ष
- चरित्र निर्माण में निम्नांकित कारक सहायक नहीं है – निर्देश
- बालक का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और संवेगात्मक विकास किस अवस्था में पूर्णता को प्राप्त होता है – किशोरावस्था
- किस आयु के बालक में समय दिन, दिनांक एवं क्षेत्रफल संबंधित अवबोध का विकास हो जाता है – 9 वर्ष
- उत्तर बाल्यकाल का समय कब होता है – 6 से 12 वर्ष तक
- जिस आयु में बालक की मानसिक योग्यता का लगभगपूर्ण विकास हो जाता है, वह है – 14 वर्ष
- निम्नांकित अवस्था में प्राय: बालकों का आकर्षण समलिंगी के प्रति होता है – बाल्यावस्था
- बालक के सामाजिक विकास में सबसे महत्वपूर्ण कारक कौनसा है – वातावरण
- लड़कियों के बाह्य परिवर्तन किस अवस्था में होने लगते हैं – किशोरावस्था में
- भाषा विकास के क्रम में अंतिम क्रम (सोपान) है – भाषा विकास की पूर्णावस्था
- भाषा विकास के विभिन्न अंग कौन से हैं – अक्षर ज्ञान, सुनकर भाषा समझना, ध्वनि उत्पन्न करके भाषा बोलना
- विकासात्मक बाल मनोविज्ञान का जनक किसे माना जाता है – जीन पियाजे को
- संवेगात्मक स्थिरता का लक्षण है – समायोजित
- लैमार्क ने अध्ययन किया था – वंशानुक्रम
- ‘संवेग’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है – उत्तेजनाया भावों में उथल पुथल
- बालक के समाजीकरण का प्राथमिक घटक है – परिवार
- इनमें से कौन-सा बाल विकास का एक सिद्धान्त है – विकास परिपक्वन तथा अनुभव के बीच अन्योन्यक्रिया की वजह से घटित होता है।
- निम्नांकित में से अवांछनीय संवेग है – दगा
- प्राकृतिक चयन के सिद्धान्त का संबंधहै – डार्विन से
- अब शिक्षा हो गई है – बाल केन्द्रित
- पैतृक गुणों के हस्तांतरण के सिद्धान्तों को स्पष्ट किया था – मैण्डल ने
- ”बालक की अभिवृद्धि जैवकीय नियमों के अनुसार होती है।” यह कथन है – क्रोगमैन का
- निम्न में से जो मनोवैज्ञानिक नहीं है, वह हैं – सुकरात
- निम्न में से जो मानव को सबसे अधिक प्रभावित करता है, वह है – वंश परम्परा तथा वातावरण
- ‘प्रकृति-पालन-पोषण’ वाद-विवाद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा आपको उपयुक्त प्रतीत होता है – वंशानुक्रम तथा परिवेश अभिन्न रूप से एक-दूसरे से गुंथे हुए हैं और दोनों विकास को प्रभावित करते हैं।
- एक अध्यापिका यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके विद्यार्थी आंतरिक रूप से प्रेरित हैं। इस संदर्भ में वह करेंगी – अंतिम परिणाम पर ध्यान देने के बजाय व्यक्तिगत रूप से बच्चों की अधिगम की प्रक्रियाओं पर ध्यान देना।
- बाल विकास का अर्थ है – बालक का गुणात्मक व परिमाणात्मक परिवर्तन
- अधिगम का पुनरावृत्ति का सिद्धान्त दिया है – पैट्रिक पावलव ने
- बालक के खेल के विकास को प्रभावित करते हैं – शारीरिक स्वास्थ्य, वातावरण एवं खाली समय
- खेलों की विशेषताएँ हैं – नवीन खेलों के इच्छुक, स्वेच्छानुसार खेल, एवं विकासशील खेल
- निम्न ग्रंथि के दोषपूर्ण कार्य करने पर व्यक्ति का लैंकिग विकास उचित रूप से नहीं हो पाता है – पीनियल ग्रंथि
- निम्नांकित में से खेल पर आधारित विधि है – किण्डर गार्टन विधि
- अतिरिक्त शक्ति के सित्रान्त का संबंध है – खेल से
- निम्न में से कौन मनोवैज्ञानिक नहीं है – जॉन डीवी
- “Psychology from the standpoint of behaviourist” किसकी रचना है – वाटसन की
- “a dictionary of Psycholigy” पुस्तक लिखी है – जेम्स ड्रेवर ने
- वंशानुक्रम का प्रमुख वाहक है – पित्र्येक (Jeanse)
- मानव व्यवहार की प्रत्येक विशेषता है – वंशानुक्रम व वातावरण का गुणनफल
- एक बच्चे की वृद्धि और विकास के अध्ययन की सर्वाधिक अच्छी विधि कौन सी है – विकासीय विधि
- ”हम जो कुछ भी हैं उसके 9/10 भाग जन्मजात (वंशानुक्रम) है तथा केवल 1/10 भाग की अर्जित होता है।” यह कथन है – जैव वैज्ञानिक पार्कर
- अभिवृद्धि शब्द का प्रयोग किया जाता है – शारीरिक विकास के लिए
- बाल्यावस्था में विकास को ”छद्म परिपक्वावस्था” किसने कहा – जे. एस. रॉस
- ”किशोरावस्था को जीवन का सबसे कठिन काल” किसने कहा – किलपैट्रिक ने
- शारीरिक विकास की गति किस अवस्था में बहुत कम हो जाती है – बाल्यावस्था में
- किशोरावस्था की अवधि है – 12-18 वर्ष
- शैशवावस्था के तीन वर्षों में बालक का शारीरिक विकास होता है – तीव्र
- 13 वर्ष की अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते बालक का कौन सा विकास लगभग पूरा हो जाता है – बौद्धिक विकास
- बाल विकास को सर्वाधिक प्रेरित करने वाला प्रमुख घटक – खेल का मैदान
- किस सिद्धान्त के अंतर्गत बालक के शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक आदि पहलुओं का अध्ययन करते हैं – परस्पर संबंध का सिद्धान्त
- बाइगोत्स्की के अनुसार, समीपस्थ विकास का क्षेत्र है – बच्चे के द्वारा स्वतंत्ररूप से किए जा सकने वाले तथा सहायताके साथ करने वाले कार्य के बीच अंतर।
- मानसिक विकास के पक्ष हैं – संवेदना, बुद्धि तथा भाषा
- बाल विकास की प्रकृति कैसी मानी जाती है – विज्ञानमयी
- बाल अध्ययन का पिता कौन है – स्टेनले हॉल
- बाल विकास की उपयोगिता है – बाल निर्देशन में, बालकों के स्वभाव को समझने में, बालकों के शिक्षण में
- किसके अनुसार सीखने का आदर्श शैशवावस्था है – वेलन्टाइन
- कौन सा संवेग है – प्रेम, क्रोध, आश्चर्य
- किसने चरित्र को ‘आदतों का पुंज’ कहा है – सेमुअल
- 20वीं शताब्दी को ”बालक की शताब्दी” किसने कहा – क्रो एण्ड क्रो
- समायोजन दूषित होता है – कुण्ठा, संघर्ष
- छात्रों पर क्रोध का सदुपयोग किया जा सकता है – आलस्य को भगाने में, दृढ़ प्रतिज्ञा करने में, बाधाओं को पार करने में
- बाल विकास को कितने भागों में बॉंटा गया है – 4
- बाल्यावस्था में व्यक्तित्व होता है – बहिर्मुखी
- पूर्व बाल्यावस्था की विशेषता क्या है – जिज्ञासा, खिलौनों में रूचि, नवीन पद्धतियॉं
- किस अवस्था में काम प्रवृत्ति निम्न स्तर पर होती है – बाल्यावस्था
- किशोरावस्था को शैशवावस्था का पुनवर्तन किसने कहा है – जॉन्स ने
- कोह्लबर्ग के सिद्धांत की एक प्रमुख आलोचना क्या है – कोह्लबर्ग ने प्रस्ताव किया कि नैतिक तार्किकता विकासात्मक है।
- चार-पांच शब्दों के सरल वाक्य बोलने की लगभग अवस्था है – 3 वर्ष
- मानसिक विकास के दृष्टिकोण से जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल – शैशवकाल
- गर्भस्थ शिशु में सांस लेने की प्रक्रिया किस सप्ताह से शुरू होती है – 16 सप्ताह
- ज्ञानेन्द्रियों के विश्राम की अवस्था मानी गई है – जन्म के 2 माह
- विवेचना रहित विचार की अवस्था मानी गई है – 4-7 वर्ष
- बाल्यावस्था प्रति द्वन्द्वात्मक समाजीकरण है, कथन कहा है – किलपैट्रिक
- प्राय: बालक चलना किस वर्ष की अवस्था में सीख लेता है – 112 वर्ष
- एक बालक किसी को देखकर विचार करता है, कि मैंने इसे कहीं देखा है- वह कौन सी अवस्था है – अर्द्धचेतन
- बालक श्रेष्ठ आचरण से बुराइयों की ओर लौटाता है- बालक पर मन के किस भाग का प्रभाव है – इदम्
- ”बालक में सर्वप्रथम भय, क्रोध तथा प्रेम के संवेग विकसित होते है।” कथन है – वाटसन
- उत्तर बाल्यावस्था की विशेषता है – आत्मनिर्भर होना, मित्र मण्डली या समूह निर्माण, स्वतंत्र होना।
- शैक्षिकदृष्टि से बाल विकास की अवस्थाएँ हैं – किशोरावस्था, बाल्यावस्था, शैशवावस्था
- बाल विकास को सर्वाधिक प्रभावित करने वाला कारक है – खेलकूद का मैदान
- 6-10 वर्ष के आयु वर्ग के बालकों की विशेषता है – बालक स्वाभाविक एवं सक्रिय अधिगमकर्ता होते हैं।
- निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा वाइगोत्स्की के द्वारा प्रस्तावित विकास तथा अधिगम के बीच संबंध का सर्वश्रेष्ठ रूप में सार प्रस्तुत करता है – विकास-प्रक्रिया अधिगम-प्रक्रिया से पीछे रह जाती है।
- प्रथम बाल निर्देशन केन्द्र किसके द्वारा खोला गया – विलियम हिली
- किसकी क्रियाशीलता का संबंध मनुष्य की पाचन क्रिया से भी होता है – अभिवृक्क ग्रंथि
- शब्द INDENTICAL ELEMENTS (समान तत्व) निम्न से संबंध रखता है – अधिगम स्थानान्तरण
- बालक द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर शिक्षक तत्काल नहीं दे सकता है, शिक्षक की प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए – शिक्षक द्वारा इस प्रश्न का सही उत्तर बाद में समझकर देना चाहिए।
- छोटा शिशु खिलौनों तथा अन्य वस्तुओं को फेंककर उसके भागों को अलग-अलग करके किस भाव को दर्शाता है – जिज्ञासा प्रवृत्ति
- ‘स्फूर्ति अवस्था’ कहा जाता है – बाल्यावस्था को
- प्रतिबिम्ब, अवधारणा, प्रतीक एवं संकेत, भाषा, शारीरिक क्रिया और मानसिक क्रिया अंतर्निहित है – विचारात्मक प्रक्रिया
- संरचनात्मक अधिगम सिद्धान्त जोर देता है – विद्यार्थियों के द्वारा नवीन ज्ञान की संरचना पर
- ”वातावरण वह बाहरी शक्ति है, जो हमें प्रभावित करती है” किसने कहा था – रॉस
- बुद्धि परीक्षण निर्माण के जन्मदाता है – अल्फ्रेड बिने
- ‘संवेदना ज्ञान की पहली सीढ़ी है।’ यह कथन – मानसिक विकास है।
- ब्रिजेज के अनुसार उत्तेजना भाग है – संवेगात्मक विकास का
- मानव विकास के सम्बन्ध में कौन-सा कथन गलत है – विकास रेखीय होता है।
- तर्क, जिज्ञासा तथा निरीक्षण शक्ति का विकास होता है ………… की आयु पर – 11 वर्ष
- शारीरिक विकास का क्षेत्र है – स्नायुमण्डल, माँसपेशियों की वृद्धि, एंडोक्राइन ग्लैण्ड्स
- इस अवस्था में बालकों में नयी खोज करने की और घूमने की प्रवृत्तिबहुत अधिक बढ़ जाती है – उत्तर बाल्यकाल
- निम्न में से कौन सा वंशानुक्रम का नियम नहीं है – अभिप्रेरणा
- ………….. की अवस्था तक बालक की दृष्टि एवं श्रवण इन्द्रियाँ पूर्ण विकसित हो चुकती है – 8 अथवा 9 वर्ष
- ’20वी शताब्दी को बालक की शताब्दी कहा जाता है।’ यह परिभाषा दी है – क्रो व क्रो
- गामक विकास से हमारा तात्पर्य माँसपेशियों के विकास से तथा पैरों के उचित उपयोग – शक्ति और गति
- इस अवस्था को मिथ्या-पक्वता का समय भी कहा जाता है – बाल्यावस्था
- मनुष्य जीवन का आरम्भ मूलत: घटित है – केवल एक कोष
- शैशवावस्था की विशेषता नहीं है – नैतिकता का होना
- एक अध्यापक की दृष्टि में कौन सा कथन सर्वोत्तम है – प्रत्येक बच्चा सीख सकता है।
- मैक्डूगल के अनुसार, मूल प्रवृत्ति जिज्ञासा का सम्बन्ध संवेग कौन सा है – आश्चर्य
- शैशवावस्था की मुख्य विशेषता क्या नहीं है – चिंतन प्रक्रिया
- किस मनोवैज्ञानिक के अनुसार, ”विकास एक सतत् और धीमी-धीमीप्रक्रिया है।” – हरलॉक
- लारेंस कोहलबर्ग विकास के क्षेत्रमें शोध के लिए जाने जाते हैं – नैतिक
- बालक के शारीरिक व क्रियात्मक विकास की दिशा होती है – सिर से पैर तथा शरीर के मध्य से बाहर की ओर
- बिग व हेट ……….. की विशेषताओं को सर्वोत्तम रूप से व्यक्त करने वाला एक शब्द है ‘परिवर्तन’। परिवर्तन शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक होता है – किशोरावस्था
- व्यक्तिगत शिक्षार्थी एक दूसरे से …….. में भिन्न होते हैं – विकास की दर
- मानव विकास कुछ विशेष सिद्धान्तों पर आधारित है, निम्नलिखित में से कौन सा मानव विकास का सिद्धान्त नहीं है – प्रतिवर्ती
- विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है, यह विचार किससे सम्बन्धित है – निरंतरता का सिद्धान्त
- निचली कक्षाओं में शिक्षण की खेल पद्धति मूल रूप से आधारित है – विकास एवं वृद्धि के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों पर
- निम्नलिखित में से कौन सा कथन विकास के बारे में सत्य नहीं है – विकास विशिष्ट से सामान्य की ओर होता है।
- बालक ाक विकास परिणाम है – वंशानुक्रम तथा वातावरण की अंत:प्रक्रिया का
- विद्यार्थियों में सामाजिक विकास विकसित करने हेतु, एक अध्यापक को चाहिए कि वह जाने – विद्यार्थियों के सभी पक्षों का
- शरीर के आकार में वृद्धि होती है, क्योंकि – शारीरिक और गत्यात्मक विकास
- मानसिकविकास को प्रभावित करने वाले कारक हैं – वंशानुक्रम, परिवार का वातावरण तथा परिवार की सामाजिक स्थिति
- सीखने की प्रोजेक्ट विधि किस अवस्था के लिए उपयोगी है – बाल्यावस्था, पूर्व वाल्यावस्था, किशोरावस्था
- शारीरिक विकास का क्षेत्र है– स्नायुमण्डल
- बाल्य अवस्था होती है – बारह वर्ष तक
- विकास में वृद्धि से तात्पर्य है – आकार, सोच, समझ, कौशलों में वृद्धि
- निम्निलिखित में से कौन सी किशोरावस्था की मुख्य समस्याएँ हैं – संवेगात्मक समस्याएँ, शारीरिक परिवर्तनों की समस्याएँ, समायोजन की समस्याएँ
- विकास का एक अधिनियम है, कि विकास प्रतिमान के विभिन्न काल में खुशी भिन्न भिन्न होती है। इस अधिनियम के अनुसार – जीवन का प्रथम वर्ष सबसे अधिक खुशी एवं वय संधि काल सबसे अधिक दु:खी काल होता है।
- बाल विकास का सही क्रम है – बाल्यावस्था-किशोरावस्था-प्रौढ़ावस्था
- विकास शुरू होता है – पूर्व-बाल्यावस्था से
- बाल्यावस्था में सामाजिक विकास के रूप में मुख्य है – बालक व बालिकाओं में एक साथ रहनेकी प्रवृत्ति
- वृद्धि एवं विकास में क्या सम्बन्ध है – एक-दूसरे के पूरक हैं।
- परिपक्वता का सम्बन्ध है – विकास
- निम्नलिखित में से वंशक्रम सम्बन्धी नियम है – समानता का नियम
- वृद्धि एवं विकास का मुख्य सिद्धान्त है – वैयक्तिक अन्तर का सिद्धान्त
- किशोरावस्था की अवधि है – 12 से 19 वर्ष
- विकास कैसा परिवर्तन है – गुणात्मक
- वृद्धि का सम्बन्ध किससे है – आकार व भार से
- निम्नलिखित में से कौन सा विकास का सिद्धान्त है – सभी की विकास दर समान नहीं होती है।
- मानव विकास को क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है, जो है – शारीरिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक और सामाजिक
- कोह्लबर्ग के अनुसार शिक्षक बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास कर सकता है – नैतिक मुद्दों पर आधारित चर्चाओं में उन्हें शामिल करके।
- शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना महत्तवपूर्ण है, क्योंकि – बच्चों की विकास दर भिन्न होती है और वह भिन्न तरीकों से सीख सकते हैं।
- निम्नलिखित में से कौन सी समस्या समाधान की वैज्ञानिक पद्धति का पहला चरण है – समस्या के प्रति जागरूकता
- किस आयुकाल में मानसिक विकास अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाता है – 15-20 वर्ष
- किशोरावस्था में सामाजिकविकासपर जिसका प्रभाव नहीं पड़ता है, वह निम्न में से कौन-सी है – असुरक्षा
- किशोरों में संवेग के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय निम्नलिखित में से कौन-सा है – प्रक्षेपण
- किशोर अवस्था में चरित्र निर्माण से जो अवस्था संबंधित है, वह निम्न में से है – आधारहीन आत्म चेतना अवस्था
- किशोर अवस्था की मुख्य विशेषता निम्न में से है – आत्म गौरव
- विकास व्यक्ति में नवीन विशेषताएँ और योग्यताएँ प्रस्फुटित करता है, यह कथन है – हरलॉक
- जिस प्रक्रिया से व्यक्ति मानव के लिए परस्पर निर्भर होकर व्यवहार करना सीखता है, वह प्रक्रिया है – समाजीकरण
- किशोरावस्था एक नया जन्म है, इसमें उच्चतर और श्रेष्ठतर मानव विशेषताओं का जन्म होता है, यह कथन देने वाले हैं – स्टेनली हॉल
- किशोरों की जटिल अवस्था के कारण किशोरों के अध्ययन का विषय होना चाहिए – शरीर तथा मन संबंधी
- ”किशोरावस्था आदर्शों की अवस्था है, सिद्धान्तों के निर्माण की अवस्था है, साथ ही जीवन का सामान्य समायोजन है”, यह परिभाषा देने वाले हैं – जीन पियाजे
- एक शिक्षक शिक्षार्थी के मानसिक विकास का ज्ञान प्राप्त करकेजिसकी योजना नहीं बना सकता, वह है – शारीरिक विकास
- मानसिक विकास का संबंध नहीं है – शिक्षार्थी का वजन एवं ऊँचाई
- किशोरों को नहीं दिया जाना चाहिए – लालच
- मनुष्य के शरी में हड्डियों की संख्या कम होती है – प्रौढ़ावस्था में
- किसको प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में संशोधन की प्रक्रिया माना गया है – अधिगम
- एक बालक सामाजिक रूप से पूर्णत: विकसित माना जायेगा यदि वह – विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के साथ व्यवहार करना जानता है।
- किशोरावस्था की प्रमुख समस्या है – समायोजन की
- ‘संवेदना ज्ञान की पहली सीढ़ी है।’ यह – मानसिक विकास है।
- ‘किशोरावस्था बड़े संघर्ष, तनाव, तूफान और विरोध की अवस्था है’ यह कथन है – ई. ए. किलपैट्रिक का
- निम्न में से शैशवावस्था की विशेषता नहीं है – नैतिकता का होना।
- निम्नलिखित में से कौन सा विकास का एक सामान्य नियम नहीं है – विकास एक निश्चित उम्र के बाद रूक जाता है।
- जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएँ है – 4
- कौन से आयु समूह के लिए एरिक्सन ने विकास की आठ अवस्थाएँ प्रस्तावित की – जन्म से मृत्यु तक
- एरिक्सन के अनुसार कौन सी अवस्था में बालक अधिक पहल करता है,लेकिन बहुत सशक्त भी हो सकता है, जो दोष भावनाओं की ओर ले जा सकता है – 3 से 6 वर्ष तक पहल बनाम दोष अवस्था
- निम्नलिखित में से कौन सी संज्ञानात्मक प्रक्रिया है – चिंतन
- मानसिक विकास को प्रभावित करने वाला कारक नहीं है – धार्मिक वातावरण
- बालक के भाषा विकास में मुख्य योगदान देने वाली संस्था है – परिवार
- नैतिक तर्क का अवस्था सिद्धान्त किसने स्पष्ट किया – कोहलबर्ग ने
- कोहलबर्ग के सिद्धान्त के अनुसार कौन सी अवस्था पर एक व्यक्ति का निर्णय दूसरों के अनुमोदन, पारिवारिक आकांक्षाओं,पारंपरिक मूल्यों एवं समाज के नियमों पर आधारित है – पारम्परिक
- वंशानुक्रम से संबंधित प्रयोग चूहों पर किसने किया – मेण्डल ने
- निम्नलिखित में से कौन सा भाषा के विकास को प्रभावित नहीं करता है – लम्बाई तथा वजन
- कौन सा ऊर्जावान मित्रवत् बालक का लक्षण नहीं है – आसानी से चिढ़नें वाला।
- बालक के निम्न में से कौन सा सामाजिक सम्पर्क का स्रोत सबसे प्रारम्भिक और सबसे अधिक चलने वाला है – परिवार
- किशोरावस्था आरम्भ होती है – 12 वर्ष की आयु से
- एक बच्चा सदैव दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाता है। यह आदत कहलाती है – भावना संबंधी आदत
- ‘पूर्णत: प्रकार्यशील व्यक्ति का सम्प्रत्यय’ किसने दिया – कार्ल रोजर्स
- किसने ‘मूलभूत विश्वास बनाम अविश्वास, को विकास की प्रथम अवस्था के रूप में प्रस्तावित किया है।’ – एरिक्सन
- निम्न में से किसने बच्चों में वस्तु स्थैतर्य के विकास को समझने में सहायता की है – पियाजे
- बच्चे का किस प्रकार का विकास विद्यालय और शिक्षक द्वारा प्रभावित होता है – मानसिक, सामाजिक एवं संवेगात्मक
- ‘सूर्य बच्चे के साथ-साथ चलता है, उसके मुड़ने का अनुकरणकरता है और बच्चे की बात सुनता है।’ यह कथन बालक की किस लक्षण की ओर इंगित करता है – सजीव चिंतन
- निम्न में से किसका संबंध मूल दु:चिन्ता एवं मूल शत्रुता के सम्प्रत्ययों से है – केरेन हार्नी
- किसने यह दावा किया कि सभी भाषाओं में होने वाले कुछ सार्वभौमिक गुण जन्मजात होते हैं – नॉम चॉम्स्की
- कक्षा 4का एक बच्चा सदैव चिन्तित और कुण्ठित रहता है, आप – स्वयं परामर्शदाता की भूमिका का निर्वाह करेंगे।
- एक पूर्व विद्यालय बालक कहता है ‘सूर्य आज उदास है’ बालक निम्नलिखित में से किस सम्प्रत्यय की अभिव्यक्ति कर रहा है – सजीव चिन्तन
- फ्रॉयड के अनुसार निम्न में से कौन सी विकास अवस्था में बच्चे का ध्यान जननांगों की तरफ जाता है – लैंगिक
- फ्रॉयड के अनुसार किस अवस्था में कामेच्छाएँ सापेक्ष रूप से निष्क्रिय रहती है – प्रसुप्ति
- किसने यह मत दिया कि भाषा विचार की अंत:वस्तु का निर्धारण करती है – व्हार्फ
- जब बच्चे के पैर के तलवे को ठोका जाता है, तो पैर की अंगुलियाँ ऊपर की ओर जाती है और फिर आगे की ओर मुड़ जाती है। यह नवजात में हो रही किस प्रकार की प्रतिवर्त का उदाहरण है – बेबीन्स्की
- निम्न में से कौन सा बच्चों हेतुवेश्लर बुद्धि मापनी की एक निष्पादन मापनी है – चित्रपूर्ति
- मूर्त संक्रियात्मक अवस्था है – 2 से 7 वर्ष
- बाल मनोविज्ञान का …………. सिद्धान्त प्रारम्भ के 4-5 वर्षों के अनुभवों पर आधारित होता है – मनोविश्लेषणात्मक
- ‘भाषा की सापेक्षता प्राकल्पना’ किसने प्रतिपादित की – व्हार्फ
- ‘ए बायोग्राफीकल स्केच ऑफ इनफेन्ट’ किसने लिखी है – डार्विन
- किसे ‘किशोर मनोविज्ञान के पिता’ के नाम से जाना जाता है – स्टेनली हॉल
- मानकीकृत परीक्षण का अर्थ – विश्वसनीयता, वैद्यता, मानक
- प्राक्-संक्रियात्मक अवस्था है – 2 से 7 वर्ष
- निम्नलिखित में से कौन सा आलोचनात्मक दृष्टिकोण ‘बहु-बुद्धि सिद्धान्त’ (Theory of Multiple Intelligences) से संबंद्ध नहीं है – प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्राय: एक क्षेत्र में ही अपनी विशिष्टता प्रदर्शित करते हैं।
- औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था है – 11 वर्ष के बाद
- प्रत्याक्षात्मक व संवेंगीक गतिक गामक दक्षता परीक्षण हेतु आरम्भ में किसने विधि का निर्माण किया – मोन्टेसरी
- भाषा-अवबोधन से संबंद्ध विकार है – भाषाघात (aspeechxia)
- हॉर्नी के अनुसार मौलिक दुश्चिन्ता के संप्रत्यय का विकास होता है – बाल्यावस्था में
- बालक विकास का जीन पियाजे के सिद्धान्त का आधार है – संज्ञानात्मक विकास
- ‘जीव में विकास तथा वर्धन का पूराहोना परिपक्वता कहलाता है’ परिभाषित किया – सारटेन ने
- ………….. ने बाल के प्राकृतिक विकास पर बल दिया – मान्टेसरी
- माता की आवाज का नवजात के व्यवहार पर प्रभाव का प्रयोग किसने किया – टरमन
- पियाजे के अनुसार 4 से 8 माह में कौन सा संज्ञानात्मक विकास होता है – आँख-हाथ संबंधन
- प्राथमिक आवश्यकताओं को ………… आवश्यकता से भी जाना जाता है – दैहिक
- ‘बाल अध्ययन के पिता’ किसे कहा जाता है – स्टेनले हॉल को
- कौन से सिद्धान्त में बाल्यकाल के अनुभव के विकासात्मक आयाम पर बल दिया गया है – मनोविश्लेषणवाद
- नवजात के स्वास्थ्य को जाँचने के लिए प्रयोग में ली जाने वाली मापनी स्केल है – डब्ल्यू. आई. एस. सी. स्केल
- पियाजे के अनुसार एक आठ वर्ष का बालक कर सकता है – संरक्षणात्मक समस्यायें सीखना।
- शरीर के शीर्ष भाग से प्रारम्भ होकर नीचे की दिशा में होने वाली शारीरिक वृद्धि को जाना जाता है – सिर-पदाभिमुख अनुक्रम
- कौन सी विधि उपागम में समान प्रयोज्यों का मापन उनके विकास की विभिन्न अवस्थाओं पर लिया जाता है – दीर्घकालीन अध्ययन विधि
- पियाजे के सिद्धान्त के अनुसार कौन सी अवस्था में बच्चों में उस चिंतन का विकास होता है, जिसमेंअनुत्क्रमणीयता होती है – प्राक संक्रियात्मक
- निम्न में से किसने बच्चों में वस्तु स्थैतर्य के विकास को समझने में सहायता की – पियाजे
- निर्जीव वस्तुओं को सजीव गुण देने वालीप्रकृति को पियाजे ने क्या नाम दिया है – सजीव चिंतन
- इनमें से कौन सा तथ्य मानसिक विकास को सबसे अधिक मनोवैज्ञानिक रूप से व्यक्त करता है – यह शक्ति बालक का नवीन परिस्थितियों से समाधान करती है।
- बालकों का सर्वाधिक उचित काल कौन सा होता है जब वे ‘विस्फोट और तनाव’ में होते हैं – किशोरावस्था
- बालकों के सर्वतोन्मुखी विकास हेतु सर्वाधिक उचित विद्यालय है – खेल का मैदान
- प्रगतिशील शिक्षा के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन जॉन ड्यूबी के अनुसार समुचित है – विद्यार्थियों को स्वयं ही सामाजिक समस्याओं को सुलझाने में सक्षम होना चाहिए।
- छात्र का वह सोपान जबकि यह सर्वाधिक रूप से संवेगों से घिरा रहता है – किशोरावस्था
- बालक के विकास में ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है – वंशाक्रम और वातावरण दोनों
- मनोविज्ञान में सामाजिक विकास से क्या अभिप्राय है – दूसरों के साथ अच्छे संबंधों का विकास।
- विकास की दृष्टि से सही क्रम है – आत्मीकरण,समायोजन, अनुकूलन
- बालकों में संज्ञान विकास की भिन्नता होती है, क्योंकि – उनमें अंतरंग योग्यताएँ भिन्न-भिन्न होती है।
- पियाजे के संज्ञानात्मक विकास चरणों में से कौन एक सही नहीं है – पूर्वज्ञान
- बालक में तर्क की क्षमता विकसित करने के लिए आप क्या करेंगे – संदर्भ बदलते हुए प्रश्न पूछेंगे।
- मैडम मोन्टेसरीने अधिगम परिवेश में सर्वाधिक बल किस पर दिया है – ज्ञानेन्द्रियों के उपयोग पर
- मानव बुद्धि एवं विकास की समझ शिक्षक को ………. के योग्य बनाती है – विविध शिक्षार्थियों के शिक्षण के बारे में स्पष्टता
- निम्नलिखित में से कौन सा सत्य है – खेलना संज्ञान और सामाजिक दक्षता के लिए सार्थक है।
- 14 वर्षीयदेविका अपने आप में पृथक, स्वनियंत्रित व्यक्ति की भावना को विकसित करने का प्रयास कर रही है, वह विकसित कर रही है –स्वायत्तता
- समाजीकरण है – समाज के मानदण्डों के साथ अनुकूलन
- शिक्षा के सन्दर्भ में, समाजीकरण से तात्पर्य है – सामाजिक वातावरण में अनुकूल और समायोजन
- राज्य स्तर की एकल-गायन प्रतियोगिता के लिए विद्यार्थियों को तैयार करते समय एक विद्यालय लड़कियों को वरीयता देता है, यह दर्शाता है – लैंगिक पूर्वाग्रह
- बाइगोत्स्की बच्चों के सीखने में निम्नलिखित में से किस कारक की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हैं – सामाजिक
- विकास के किस काल को ‘अत्यधिक दबाव और तनाव का काल’ कहा गया है – किशोरावस्था
- इनमें से कौन सा सिद्धान्त यह मत स्पष्ट करता है बच्चे अपनी वृद्धिव विकास हेतु कठोर अध्ययन करते हैं – मैस्लो
- मानव विकास के सम्बन्ध में कौन सा कथन गलत है – यह परिपक्वता तक चलता है।
- प्याजे के अधिगम के संज्ञानात्मक सिद्धान्त के अनुसार वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्मक संरचना को संशोधित किया जाता है, कहलाती है – स्कीमा
- एक किशोर के शारीरिक विकास का मूल्यांकन किया जाता है – उसके द्वारा कियेगये शारीरिक कार्यों के द्वारा
- किशोरावस्था में संज्ञानात्मक विकास की विशेषता है – तर्क के साथ समस्याओं के समाधान की योग्यता में वृद्धि
- एक किशोर की अभिरूचित को प्रभावित करने वाला कारक है – आनुवांशिकी एवं वातावरण दोनों
- किसी व्यक्ति में विकासका प्रतिमान निम्नलिखित में से किस क्रम का अनुसरण करता है – शीर्षपदीय (आपादीय)
- बालक के शारीरिक वृद्धि व विकास को प्रभावित करते हैं – वंशानुक्रम व वातावरण दोनों
- आत्म सम्मान की भावना का लक्षण …… प्रकट करती है – किशोरावस्था
- ‘Adolescence’ पुस्तक के लेखक है – स्टेनले हॉल
- निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है – वृद्धि के साथ विकास भी होता है।
- एक दिग भ्रमित का पथ-प्रदर्शन किया जा सकता है – उसके अच्छे व्यवहार की प्रशंसा करके
- किस आयुकाल में मानसिक विकास अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाता है – 15-20 वर्ष
- ‘दो बालकों में समान मानसिक योग्यताएं नहीं होती है’ उक्त कथन किस मनोवैज्ञानिक का है – हॉरलॉक
- किशोर अवस्था में सामाजिक विकास पर जिसका प्रभाव नहीं पड़ता,वह निम्न में से कौन सी है – असुरक्षा
- किशोर अवस्था में चरित्र निर्माण प्रक्रियासे जो अवस्था संबंधित है, वह निम्न में से है – आधारहीन आत्मचेतना अवस्था
- किशोर अवस्था की मुख्य विशेषता निम्न में से है – आत्म गौरव
- किशोरावस्था के आकस्मिक विकास का सिद्धान्त कब किसने किया – 1904 में स्टेनले हॉल ने
- ‘सामाजिक एवं संवेगात्मक विकास साथ-साथ चलते हैं। यह कथन है – हॉल का
- ‘किशोर प्रौढ़ो को मार्ग में बाधा समझता है, जो उसे अपनी स्वतंत्रता का लक्ष्य प्राप्त करने से रोकते हैं।’ यह कथन किसका है – कॉलसनिक
- ‘मैं किसी की परवाह नहीं करता’ ऐसी अभिवृत्ति वाले बच्चों के व्यवहार को क्या कहते हैं – अस्वीकरण
- नैतिक मूल्यों का विकास किया जा सकता है, यदि अध्यापक – स्वयं उन पर आचरण करें।
- बी. एफ. स्कीनर के अनुसार बच्चों में भाषा का विकास निम्नलिखित का परिणाम है – अनुकरण तथा पुनर्बलन
- बच्चों की शारीरिक वृद्धि की दर अधिकतम होती है – पूर्व बचपन में उत्तर बचपन की बजाय
- कौन-सा अवसर किशोरों की आवश्यकता है – वाद-विवाद, तर्क तथा चर्चा
- किस अवस्था में स्व-सम्मान की भावना सबसे अधिक पायी जाती है – किशोरावस्था
- अभिवृद्धि शब्द का प्रयोग किया जाता है – बालक के सामाजिक विकास के लिए
- व्यक्तिगत शिक्षण में निम्नलिखित विधि नहीं आती है – सामूहिक शिक्षण
- निम्न में से व्यक्तिगत विभिन्नता के प्रकार है – शारीरिक विभिन्नता, मानसिक विभिन्नता एवं संवेगात्मक विभिन्नता
- व्यक्तिगत विभिन्नता का आधारभूत कारण है – बंशानुक्रम
- ”ए सर्वे ऑफ दी एजुकेशन ऑफ गिफ्टेड चिल्ड्रन” पुस्तक के लेखक है – हैविगहर्स्ट
- मनोशारीरिक असमानताओं को कहा जाता है – व्यक्तिगत विभिन्नता
- ”मापन किया जाने वाला व्यक्तित्व का प्रत्येक पहलू वैयक्तिक भिन्नता का अंश है।” उपर्युक्त परिभाषा दी है – स्किनर ने
- शारीरिक रूप से व्यक्ति के मध्य जो भिन्नता दिखाई देती है, वह कहलाती है – बाहरी भिन्नता
- बाह्य रूप से दो व्यक्ति एक समान हैं लेकिन वे अन्य योग्यताओं की दृष्टि से समरूप नहीं है, ऐसी व्यक्तिगत विभिन्नता कहलाती है – आन्तरिक विभिन्नता
- निम्नलिखित में से कथन सही है – दो व्यक्ति समान नहीं होते हैं। वैयक्तिक भिन्नताओं का मापन सम्भव है। बैयक्तिक भिन्नता सार्वभौमिक होती है।
- लड़के मारपीट, झगड़ा, खेलकूद अधिक पसन्द करते हैं, जबकि लड़कियां वस्त्र पहनने, गुडि़या खेलने तथा घरों में काम में ध्यान लगाती है, यह विभेद कहलाता है – रुचि सम्बन्धी भेद
- एक बहु-सांस्कृतिक कक्षा-कक्ष में एक अध्यापिका सुनिश्चित करेगी कि आकलन में निम्नलिखित में सम्मिलित हो – अपने विद्यार्थियों की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि
- व्यक्तिगत भिन्नता होती है – बौद्धिक, शारीरिक, चारित्रिक
- व्यक्तिगत विभिन्नताओं के आधार पर शिक्षक को सहायता मिलती है – शैक्षिक व व्यावसायिक निर्देशन में, छात्रों के वर्गीकरण में, शिक्षण विधि के चयन में
- कक्षा में ऊँचा सुनने वाले तथा कमजोर नजर के छात्रों को बैठाना चाहिए – आगे की पंक्ति में
- आप कक्षा-8 के गणित विषय के अध्यापक हो। एक बालक आपके विषय में अनुत्तीर्ण हो जाता है, आप उसे उत्तीर्ण करवाने हेतु क्या करोगे – व्यक्तिगत निर्देशन एवं परामर्श
- समावेशी शिक्षा के पीछे मूलाधार यह है कि – समाज में विभिन्नता है और विद्यालयों को विभिन्नता के प्रतिसंवेदनशील होने के लिए समावेशी होने की आवश्यकता है।
- एक बालक अपने विचारों एवं भावनाओं को प्रकट नहीं करता है, वह किस श्रेणी में रखा जाएगा – दमित
- ”स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क का निर्माण ही शिक्षा है” कथन है – अरस्तु
- आक्रामक बालकों की आक्रामकता को कम करने हेतु आप विद्यालय स्तर पर सर्वोच्चित उपाय करेंगे – शक्ति का सदुपयोग
- निम्नांकित पद्धति व्यक्तिगत भेद को ध्यान में नहीं रखकर शिक्षण में प्रयुक्त की जाती है – व्याख्यान पद्धति
- इस पर अत्यधिक वाद-विवाद होता है कि क्या लड़कों एवं लड़कियों में योग्यताओं का विशिष्ट समूह उनके आनुवंशिक घटकों के कारण होता है। इस संदर्भ में निम्नलिखित में से आप सबसे अधिक किससे सहमत हैं – लड़कियों को सेवाभाव के लिए सामाजिक रूप से तैयार किया जाता है जबकि लड़कों को रोने जैसा संवेग प्रदर्शित करने के लिए हतोत्साहित किया जाता है।
- एक उच्च प्राथमिक विद्यालय के संरचनात्मक कक्षा-कक्ष में अपने स्वयं के आंकलन में विद्यार्थियों की भूमिका निम्नलिखित में से क्या देखा जाएगा – विद्यार्थी अध्यापक के साथ आंकलन के लिए योजना बनाएँगे।
- व्यक्तिगत भेद पाये जाते हैं – बुद्धि स्तर में, अभिवृत्ति में, गतिवाही योग्यता में
- व्यक्तिगत भेद में हम पाते हैं – विचलनशीलता, प्रतिमानता
- कौन सा व्यक्तिगत भिन्नताओं का कारण नहीं है – निर्देशन
- बालकों में प्रभावी अधिगम हेतु निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प सबसे कम महत्तव रखता है – अधिगम का दार्शनिक आधार
- नि:शक्त बच्चों के लिए समेकित शिक्षा की केन्द्रीय प्रायोजित योजना का उद्देश्य …………. में नि:शक्त बच्चों को शैक्षिक अवसर कराना – नियमित विद्यालयों
- विशेष रूप से जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का प्रबंध होना चाहिए – दूसरे सामान्य बच्चों के साथ।
- निम्न में से कौन सा विकल्प उपलब्धि में व्यक्तिगत भिन्नता का प्रतीक नहीं है – लिंग में विभिन्नता
- शिक्षा मनोविज्ञान में जिन बालकों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, वे हैं – समस्यात्मक बालक, कम गति से सीखने वाले बालक, मंद बुद्धि बालक
- गिलफोर्ड ने अभिसारी चिन्तन (Converfent Thinking) पद का प्रयोग किससे समान अर्थ में किया है – बुद्धि
- नि:शक्त बालकों (Disdoilities) की शिक्षा के लिए प्रावधान किया जा सकता है – समावेशित शिक्षा द्वारा
- व्यक्तिगत विभिन्नताओं को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के शिक्षण के लिये प्रायोजना पद्धति के निर्माता थे – किलपैट्रिक
- वैयक्तिक विभिन्नताओं के आधारपर पार्कहर्स्ट ने बालकों के लिए शिक्षा पद्धति दी – डाल्टन प्लान
- सीमा हर पाठ को बहुत जल्दी सीख लेती है, जबकि लीना उसे सीखने में ज्यादा समय लेती है, यह विकास ………… सिद्धान्त को दर्शाता है – वैयक्तिक भिन्नता
- एक अध्यापक किसी भी समूह में समुदाय आधारित व्यक्तिगत विभिन्नताओं को समझ सकता है – भाषा एवं अभिव्यक्ति के आधार पर
- ADHD है – अवधान विकृति
- निम्न में से कौन सा कारक समस्या समाधान में बाधक हो सकता है – मानसिक वृत्ति
- आधुनिक शिक्षा में मनोविज्ञान का अनुप्रयोग आधारित है – व्यक्तिगत विभिन्नताअें पर
- वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वस्तुओं तथा वस्तुनिष्ठ तथ्यों को ज्ञानेन्द्रियों द्वारा जाना जाता है – प्रत्यक्षीकरण
- व्यक्तिक भिन्नता पर सर्वप्रथम महत्तवपूर्ण कार्य करने वाले व्यक्ति – फ्रांसीसी गाल्टन
- छात्रों में सीखने की योग्यता निर्भर करती है – व्यक्तिगत भिन्नता पर
- निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता बालकों के संवेगों की विशेषता है – ये क्षणिक होते हैं।
- निम्नलिखित में से कौन सा चोरी का कारण नहीं हो सकता – अभिभावकों का नियंत्रण व अनुशासन
- थर्स्टन की अभिवृत्ति मापनी कहलाती है – सम अंतराल मापनी
- आदतों, ज्ञानतथा अभिवृत्तियों का अर्जन है – अधिगम
- सामूहिक अचेतन का सम्प्रत्यय किसने प्रतिपादित किया – युंग
- व्यक्तिगत विभिन्नता के आधार पर शिक्षा देने हेतु निम्न में से कौन सा विकल्प उपयुक्त है – बुद्धि के स्तर पर आधार पर बालकों का कक्षा विभाजन
- बालकों में व्यक्तिगत विभेद के मुख्य कारण है – मानसिक गुण
- शाब्दिक व्यवहार-कौशल का महत्तव है – सम्प्रत्यय निर्माण में
- विद्यालयों को किसके लिए वैयक्तिक भिन्नताओं को पूरा करना चाहिए – यह समझने के लिए कि क्यों शिक्षार्थी सीखने के योग्य या अयोग्य है।
- शिक्षार्थियों में वैयक्तिक भिन्नताओं को सम्बोधित किरने के लिए विद्यालय किस प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवा सकता है – बाल-केन्द्रित पाठ्यचर्चा का पालन करना और शिक्षार्थियों को सीखने के अनेक अवसर उपलब्ध करना।
- बच्चों में सीखने और सुनने के लिए अधिगमयोग्य वातावरण के लिए निम्नलिखित में से कौन उपयुक्त है – शिक्षार्थियों को कुद यह छूट देना कि क्या सीखना है और कैसेसीखना है।
- शिक्षार्थी वैयक्तिक भिन्नता प्रदर्शित करते हैं, अत- शिक्षक को – सीखने के विविध अनुभवों को उपलब्ध कराना चाहिए।
- ‘प्रतिभाशाली बालक वह है, जो अपने उत्पादन की मात्रा, दर तथा गुणवत्ता में विशिष्ट होता है।’ यह कथन दिया गया है – आर डब्ल्यू टेलर द्वारा
- अध्यापन के समय अध्यापक को निम्नलिखित में से किसका सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए – वैयक्तिक भिन्नता
- निष्पत्ति परीक्षणों का सबसे अधिक उपयोग है – छात्र वर्गीकरण में
- कक्षा में भावी अनुशासन के लिए अध्यापक को चाहिए – छात्रों को कुछ समस्याएँ हल करने को दें।
- व्यक्तिगत भिन्नता का ज्ञान अध्यापक को मदद करता है – शिक्षण अधिगम क्रियाओं की योजना बनाने में
- कक्षामें विद्यार्थियों के वैयक्तिक विभेद – लाभकारी हैं, क्योंकि ये विद्यार्थियों की संज्ञानात्मक संरचनाओं को खोजने में अध्यापकों को प्रवृत्त करते हैं।
- व्यक्तिगत विभिन्नताओं का क्षेत्र है – लिंग भेद, शारीरिक संरचना, मानसिक योग्यताएँ
- अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का संकेतक है – संवेगों पर नियंत्रण रखना।
- मानसिक स्वास्थ्य के सम्प्रत्यय की पूर्ण जानकारी एक शिक्षक को योग्य बनाती है – विद्यार्थियोंके अवांछित व्यवहार में गहन सूझ विकसित करने में।
- व्यक्तिगत भिन्नता के कारक होते हैं – वंशानुगत एवं वातावरणीय
- कुसमायोजित व्यक्ति कहलाते हैं, जो – अधिकतर अनुचित ढंग से द्वंद्वात्मक स्थिति का सामना करते हैं। समाज विरोधी गतिविधि में सहभागिता रखते हैं। द्वन्द्व को दूर करने में असमर्थ होते हैं।
- छात्रों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य एवं स्वच्छ बने रहने के लिए विद्यालय प्रशासन को कौन सा तरीका अपनाना चाहिए – नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
- एक बच्चा सदैव दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाता है। यह आदत कहलाती है – भावना संबंधी आदत
- अच्छी स्मृति की विशेषताएं है – शीघ्र पुन:स्मरण, शीघ्र पहचान, अच्छी धारणा
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